पश्चिम बंगाल में बीते दिन हुई ब्रिगेड रैली के दौरान सामने आई कांग्रेस और नवगठित पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के मुखिया पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के बीच जारी अनबन को अब और मजबूती मिल गई है। दरअसल, सोमवार को अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सहित सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंदी समझी जा रही बीजेपी को आड़े हाथों लिया है।
कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक हुए अब्बास सिद्दीकी
अब्बास सिद्दीकी ने दावा किया है कि कांग्रेस के नेता के संबंध तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से हैं और चुनाव के बाद वह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल का दामन थामने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने उनसे साफ तौर पर कहा है कि चूंकि गठबंधन के बाद कांग्रेस के पास सिर्फ 52 विधानसभा सीटें रह गई हैं, इसलिए उनमें से कोई सीट आइएसएफ के साथ बांटी नहीं जा सकती।
हालांकि अब्बास सिद्दीकी के इस जवाब पर प्रदीप भट्टाचार्य ने पलटवार भी किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं कही है। अब्बास सिद्दीकी झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के किसी नेता के तृणमूल कांग्रेस से मिले होने की बात से भी साफ इन्कार किया है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को ब्रिगेड रैली के मंच पर ही कांग्रेस के साथ सिद्दीकी की अनबन खुलकर सामने आ गई थी। सिद्दीकी ने अपने भाषण में सिर्फ वामो उम्मीदवारों को जिताने की बात कही थी, कांग्रेस उम्मीदवारों का नाम नहीं लिया था। इसकी वजह भी उन्होंने खुद बताई थी। अब्बास सिद्दीकी ने कहा था कि वे गठबंधन में भागीदारी करने आए हैं, किसी को तुष्ट करने नहीं। उन्होंने वामो अध्यक्ष विमान बोस को उनकी तरफ से आइएसएफ को 30 सीटें दिए जाने पर शुक्रिया अदा किया था।
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भाषण के दौरान कई बार वरिष्ठ माकपा नेता मोहम्मद सलीम का भी उन्होंने जिक्र किया था लेकिन एक बार भी मंच पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का नाम नहीं लिया था। कांग्रेस और आइएसएफ के बीच सीटों के बंटवारे पर अभी भी बात नहीं बन पाई है। हालांकि सिद्दीकी ने यह जरूर कहा कि कांग्रेस के लिए बातचीत के रास्ते अभी भी खुले हैं।