केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्मों, सोशल मीडिया कंपनियों और न्यूज पोर्टल्स के लिए नए नियमों की घोषणा की है। इस नए नियमों में कहा गया है कि ट्विटर (Twitter), व्हाट्सएप (WhatsApp) और टेलीग्राम (Telegram) जैसे प्लेटफॉर्म को सबसे पहले मैसेज भेजने वाली की पहचान करनी होगी। यह प्रावधान देश-विरोधी और सुरक्षा व संप्रभुता के खिलाफ है। ट्विटर और WhatsApp के लिए इस नियम का मतलब है कि उन्हें अपने एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (End-To-End Encryption) को तोड़ना होगा, जिस कारण सरकार के नए आईटी दिशानिर्देशों का पालन करना मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि WhatsApp ने पहले की मैसेज भेजने वालों की पहचान के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था। कंपनी का कहना था कि यह उनकें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मॉडल को तोड़ होगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई मैसेज और ट्वीट भारत से नहीं आया है। ऐसे में कंपनियों को बताना होगा की सबसे पहले संदेश किसे प्राप्त हुआ है। अगर WhatsApp सरकार के नए नियमों का पालन करने से इनकार करता है तो देश में प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा।
WhatsApp का पर्सनल मैसेजिंग कैसे करता है काम?
WhatsApp के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन में केवल आपके और आपके द्वारा संवाद करने वाले व्यक्ति के बीच सबकुछ रहता है। कोई भी तीसरा आप दोनों के मैसेज, फोटो, वीडियो आदि को नहीं देख सकता, यहां तक की WhatsApp भी नहीं। बता दें एंड-टू-एन्क्रिप्शन में मैसेजों को लॉक कर सुरक्षित किया जा सकता है। जिसे केवल प्राप्तकर्ता और आपके पास उन्हें अनलॉक कर पढ़ने का अधिकार होता है। इसमें किसी भी तरह की विशेष चैट सेट करने की जरूरत नहीं है।
जानिए नए नियमों पर सरकार ने क्या कहा
भारत की एकता-अखंडता, सामाजिक व्यवस्था, दुष्कर्म जैसे मामलों में की गई आपत्तिजनक पोस्ट या मैसेज को सबसे पहले पोस्ट करने वाले की पहचान बतानी होगी। ऐसे मामलों में कम से कम 5 साल की सजा होगी। वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए तीन श्रेणियां बनेंगी। डिजिटल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सेल्फ रेगुलेशन करना होगा। सभी नियम अगले तीन महीने में लागू हो जाएंगे। इसके साथ ही सोशल साइट्स व मोबाइल एप्स को प्राइवेसी पॉलिसी और यूजर एग्रीमेंट की जानकारी प्रकाशित करनी होगी। कंपनियों को शिकायत निपटाने के लिए तंत्र बनाना होगा। जिसमें एक भारतीय अधिकारी की नियुक्ति होगी, जिसका नाम भी बताना होगा।
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इस अधिकारी को 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करनी होगी और निपटारा 15 दिन करना होगा। अगर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की गई है तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर उसे हटाना होगा। कंपनियों को बताना होगा कि कंटेंट क्यों हटाया जा रहा है। इसके साथ ही ओटीटी को पैरेंटल लॉक की ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे माता-पिता अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट को ब्लॉक कर सके जो उनके लिए सही नहीं है। जबकि नेटफ्लिक्स, अमेजन को भी कंटेंट आयु के हिसाब से तय करना होगा।