जोधपुर। देश भर में सुर्खिया बटोरने वाली जोधपुर जेल इस बार फिर से चर्चा में है। सबसे बड़ी बात है राजस्थान जेलों के मुखिया का गत वर्ष नवंबर से जेलों फ्लश आउट अभियान चलाया जा रहा है। इसकी अवधि को बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था।
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फिर खुली जेल की पोल, मिली भगत से अंदर तक पहुंचे लाखों के मोबाइल: राजस्थान की जेलों से कई मोबाइल जब्त हो गए था। जोधपुर केंद्रीय कारागार में भी लगाता सर्च चला और मोबाइल आदि निषिद्ध साम्रगी जब्त की गई। मगर बुधवार की रात को फिर से अचानक हुए सर्च अभियान ने जोधपुर जेल की पोल खोल दी सर्च अभियान में लाखों के मोबाइल मिलने से कमिश्नरेट पुलिस खुद सकते है।
फिर खुली जेल की पोल, मिली भगत से अंदर तक पहुंचे लाखों के मोबाइल: एडीसीपी पूर्व भागचंद ने बताया कि रात को सूचना मिली कि जोधपुर केंद्रीय कारागार में रेड दी जाए तो निषिद्ध सामग्री मिल सकती है। इस पर वे और रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम आदि वहां पहुंचे। जब ये लोग वहां पहुंचे तो पता लगा कि जेल प्रशासन ने पहले से ही सर्च चला दिया है।
फिर खुली जेल की पोल, मिली भगत से अंदर तक पहुंचे लाखों के मोबाइल: विचाराधीन बंदियों की बैरकों 4, 7 एवं 10 में तलाशी के समय 17 मोबाइल, चार्जर एवं इतनी सिमें मिली थी। बाद में पुलिस की तरफ से भी अन्य वार्डों में तलाशी ली गई। ज्यादातर फोन एंड्राइड है। एडीसीपी भागचंद ने बताया कि घटना को लेकर जेल अधीक्षक की तरफ से रातानाडा थाने में अज्ञात शख्स के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। मोबाइल लावारिश हालत में मिलना बताया गया है। इनको कौन कौन काम में ले रहे थे, इस बारे में सिमों से पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।