ट्रैक्टरों की आवाज से गूंज उठा विधानसभा, विपक्ष ने गन्नों के दम पर हिला दी सरकार

लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा के अंदर सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संबोधन के दौरान वॉक आउट किया। बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हुआ है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ राज्य विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। हाथ में गन्ना और ट्रैक्टर पर सवार हो कर सपा विधायक बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा पहुंचे।

विधानसभा मे आज सत्र के पहले ही दिन सपा के एमएलसी और एमएलए महगाई व किसानों की समस्या को लेकर विधानसभा के अंदर बानी चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के नीचे बैठ प्रदर्शन किया। सपा का कहना है कि देश में महंगाई चरम सीमा पर है और किसान सड़कों पर है अब सरकार को किसानो की बात मन कर अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए यही नहीं विधानसभा सत्र के पहले दिन ही सपा के एमएलसी एमएलए ट्रैक्टर पर चढ़कर और हाथ में गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचे। और अंदर जाने का प्रयास करने लगे, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। रोके जाने पर सपा के एमएलसी और एमएलए व साथ मे आए प्रदर्शनकारी नाराज हो गए  और बोले हम लोग शांति पूर्ण ढंग से विधानसभा आए हुए हैं लेकिन उसके बावजूद भी हम लोगों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।

किसानों और बढ़ती महंगाई के विरोध में ट्रैक्टर पर पहुंचे सपा एमएलसी सुनील व उनके साथ पहुंचे पद अधिकारियो ने कहा पुलिस उन्हे विधानसभा के अंदर जाने नहीं दे रही है जब की वह अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से कर रहे है।  विधायकों ने कहा कि दुनिया में कहीं भी किसानों के ऊपर इतने हमले नहीं हुए हैं। विधायकों ने कहा कि सरकार किसानों से डर गई है।

सपा नेताओं ने किसानों, कानून व्यवस्था और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों को उठाया। पार्टी के दो एमएलसी – अनुराग भदौरिया और सुनील सिंह यादव विधानसभा ट्रैक्टर पर आए। बता दें कि उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना सोमवार सुबह 11 बजे बजट पेश करेंगे। बजट सत्र 10 मार्च तक चलेगा। केंद्रीय बजट की तरह, खन्ना भी इस साल पेपरलैस बजट पेश करेंगे।

सपा नेता राम गोविंद चौधरी, जो कि विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने पेपरलेस बजट का विरोध करते हुए कहा कि इससे कई लोगों को आर्थिक नुकसान होगा और यहां तक कि उनकी नौकरी भी चली जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं पेपरलेस बजट का विरोध करता हूं क्योंकि उत्तर प्रदेश मैनपावर वाला राज्य है। पेपरलेस बजट से तीन नुकसान होंगे। अगर सब कुछ पेपरलेस हो जाता है, तो किसानों को नुकसान होगा क्योंकि वे कागज के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराते हैं।”

प्रिंटिंग प्रेस में, लोगों के पास काम नहीं होगा क्योंकि कागज छापा नहीं जाएगा। अगर पेपर फैक्ट्रियां बंद हो गईं तो लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार केवल तकनीक के फायदे को देखती है लेकिन यह नहीं देख रही है कि इसका खामियाजा किसे भुगतना पड़ेगा।

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सपा नेता सुनील सिंह यादव ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश को इस बजट से कुछ मिलेगा। यह भाजपा सरकार का आखिरी बजट है। यह बजट पेपरलैस तो है ही साथ ही ‘विकासलैस’ भी है। पिछले 4 वर्षों में, भाजपा के नेता, मंत्री, और अधिकारियों ने बजट के जरिए लोगों के पैसो को लूटा है। ”