व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त नजर आ रहा है। दरअसल, इस प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सऐप के साथ-साथ केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार और फेसबुक को नोटिस थमाकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उठाया लोगों की निजता का मामला
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप 2-3 ट्रिलियन कंपनी होंगे पर लोगों की निजता की कीमत ज़्यादा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक ऐसी ही याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष भी लंबित है। वो इस पर जरूर गौर करेगा कि जब ये मामला जब सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच के पास लंबित है तो हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है कि नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्हाट्सऐप की ओर से वकील कपिल सिब्बल और फेसबुक की ओर से वकील अरविंद दातार ने कहा कि इस मामले में मुख्य याचिका 2016 की प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ है। ऐसे में 2020 के प्राइवेसी पॉलिसी को महज हस्तक्षेप याचिका दायर कर चुनौती नहीं दी जा सकती है।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील श्याम दीवान ने कहा कि व्हाट्सऐप भारतीय यूजर्स और यूरोपियन यूजर्स के बीच भेदभाव कर रहा है। ये तब है, जब डाटा प्रोटेक्शन बिल लंबित है। व्हाट्सऐप भारतीय यूजर्स के साथ दूसरे मानक और यूरोपीय यूजर्स के साथ दूसरे मानक लागू नहीं कर सकता। इसे रोकने का दिशा-निर्देश इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को दिया जाना चाहिए।