एक तरफ 2020 में मंत्रिमंडल गठन के 85 दिनों बाद नीतीश मंत्रिमंडल का आज विस्तार हो रहा है। दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव मंत्रिमंडल में राजग में सहमति के बाद 17 मंत्रियों के शपथ लेने की चर्चाएं हैं। यह पहली बार है जब मंत्री बनने वाले नेताओं के नामों का खुलासा नहीं किया गया है। भाजपा से 9, जदयू से 8 मंत्री शपथ लेने की खबर मिली है। मगर भाजपा में मंत्रियों के नाम को लेकर घमासान मच गया है। पार्टी के विधायक ने विरोध में मोर्चा खोलते हुए नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाया है। भाजपा का कोई विधायक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ प्रभारी भूपेन्द्र यादव के खिलाफ पहली बार मोर्चा खोला है।
बाढ़ विधानसभा से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने साफ कर दिया कि वे चुप नहीं बैठेंगे और विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। भाजपा विधायक ने तो यहां तक कह दिया कि कुछ नेता केंद्रीय नेतृत्व को अंधेरे में रखकर मनमानी कर रहे हैं। ज्ञानू ने कहा कि अज्ञानी लोगों को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।क्षेत्र का भी ख्याल नहीं रखा गया है। एक ही जिले से कई लोगों को मंत्री पद दिया जाना नेतृत्व को सवाल खड़ा कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कैबिनेट में पूरे तौर पर सवर्णों की उपेक्षा की गई है। ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि दोनों उपमुख्यमंत्री भी पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज से आते हैं। दक्षिण बिहार को पूरी तरह से मंत्री पद से वंचित करना बिहार के साथ न्याय नहीं है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा में करीब आधी सीट पर अपर कास्ट के लोग चुनकर आये हैं लेकिन उंची जाति के लोगों को कोई तवज्जो नहीं दी गई। ज्ञानू ने बिना नाम लिये बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव पर हमला करते हुए कहा कि कुछ नेता राष्ट्रीय नेतृत्व को अंधेरे में रखकर काम कर रहे हैं। वे नेता बिहार को राजस्थान और मध्य प्रदेश समझ लिये हैं। लेकिन वे लोग ऐसा होने नहीं देंगे। बहुत जल्द विधायकों की गोलबंदी होगी और आगे का निर्णय लिया जाएगा। मतलब स्पष्ट है कि अब भाजपा में लगी आग बुझने वाली नहीं है। हलांकि ज्ञानू के अलावे भी भाजपा के कई विधायक इस नए प्रयोग से खफा हैं और नेतृत्व पर अंगूली उठा रहे हैं।