आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के दर्ज मुकदमों में सु्प्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक सांसद की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को नसीहत देते हुए कहा कि धर्म और जाति के आधार पर आप समाज को नहीं बांट सकते। आप एक सांसद है, आपको इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए था। आप अपनी सीमा पार करेंगे तो कानून के मुताबिक आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विवेक तन्खा के उस बयान को भी दर्ज किया, जिसमें कहा गया कि एफआईआर दर्ज करने के लिए राज्यसभा अध्यक्ष से यह मंजूरी ली जानी चाहिए थी। जबकि एफआईआर दर्ज करने के लिए गवर्नर से मंजूरी ली गई थी।
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बता दें कि सांसद संजय सिंह के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गयी थी, जिसमेंएक बयान में उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में विशेष वर्ग की सरकार है। बयान से आहत लोगों ने तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करायी थी। इन्ही एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गयी। इस मामले की अगली सुनवाई मार्च के तीसरे सप्ताह में होगी।