70 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे है। टिकरी बॉर्डर पर मोहनगढ़ छापड़ा के किसानों के साथ धरने पर गए किसान रणधीर की हार्ट अटैक से गुरूवार को मौत हो गई। रणधीर सिंह के अंतिम संस्कार में किसान धरने पर पहुंचे किसानों के साथ-साथ आस-पास के गांवों से काफी संख्या में किसान पहुंचे।
किसान को भाकियू झंडे में लपेट कर दी गई अंतिम विदाई
मृतक के शरीर को भाकियू के झंडे से लपेट कर लाया गया। रणधीर सिंह को अंतिम विदाई किसान नेताओं, ग्रामीणों ने सेल्यूट करके दी। झांज कलां गांव से युवा बाइकों के काफिले के साथ रणधीर सिंह के शव को गांव तक लेकर आए।
किसानों ने कहा कि कितने किसानों की जान इस आंदोलन में जा चुकी है लेकिन सरकार इसके बाद भी किसानों की मांग को लेकर अब तक गंभीर नहीं है। कितने किसानों की जान सरकार ओर लेना चाहती है। हरियाणा, पंजाब के काफी किसान इस आंदोलन में मौत का ग्रास बन चुके है। मरने वालों में युवा से लेकर बुजुर्ग तक है।
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रणधीर सिंह की अंतिम यात्रा में युवा हाथों में भाकियू के झंडे हाथों में लेकर पहुंचे। रणधीर सिंह अमर रहे के नारे भी उनकी अंतिम यात्रा में लगाए गए।