काठमांडू। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को कोर्ट की अवमानना मामले में उनसे लिखित जवाब मांगा है। जस्टिस डॉक्टर मनोज शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया। इस आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से जारी किए पत्र के मिलने के एक हफ्ते के भीतर ओली को इसका जवाब देना होगा।
यह भी पढ़ें: करीना कपूर खान ने शेयर की थ्रोबैक तस्वीर, नन्हें तैमूर ने खींचा सभी का ध्यान
दरअसल वरिष्ठ वकील डॉक्टर कुमार शर्मा आचार्य और वकील कंचन कृष्णा नुपाने ने बुधवार को ओली के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया था। उनपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने संसद को भंग कर न्यायिक कार्य में हस्तक्षेप किया है। इसके साथ-साथ वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की।
इसी बीच चार पूर्व चीफ जस्टिस और पूर्व स्पीकर को भी अदालत की अवमानना मामले में लिखित प्रतिक्रिया देने के आदेश दिए गए हैं। पूर्व चीफ जस्टिस मिन बहादुर रायामाझी, अनूप राज शर्मा, कल्याण श्रेष्ठा, सुशीला कार्की और पूर्व स्पीकर दमन नाथ धुंगाना को आदेश दिए गए हैं कि एक हफ्ते में लिखित प्रतिक्रिया दें।
वकील घिमरे ने पूर्व जस्टिस और पूर्व स्पीकर के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज कराया है। कानून के नियम के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अदालत की अवमानना करता है तो उसे 10000 रुपये का जुर्माना और जेल की सजा या दोनों सजा मिलने का प्रावधान है।