उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को फैली अराजकता और लालकिला पर धार्मिक ध्वज फहराने की घटना किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए रची गई देश के गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत दिल्ली पुलिस और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मिलीजुली, सोची समझी और लोकतंत्र विरोधी साजिश का परिणाम है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि इस घटना के लिए दिल्ली पुलिस और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा है कि इसे लेकर एफआईआर किसान नेताओं के खिलाफ नहीं, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और भाजपा के उन शीर्ष नेताओं के खिलाफ दर्ज होनी चाहिए जिनके तार अभिनेता से नेता बने दीप सिद्धू से जुड़े हैं और जिनकी तस्वीरें उसके साथ आम हो रही हैं।
गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि इस बड़ी साजिश के बाद भी किसान धैर्य नहीं खोए, यह कोई मामूली बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसानों के इस धैर्य को सैल्यूट करता हूं और भारत सरकार से एक बार फिर मांग करता हूं कि वह किसान आन्दोलन को कमजोर करने की साजिश करने की जगह तीनों कृषि कानूनों की वापसी के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी शक्ल देकर देश की स्थिति सामान्य करने की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि बड़े पदों पर आसीन लोगों के षड्यंत्रकारी रवैये को लेकर पूरे देश का किसान हतप्रभ है। भारत सरकार इस हतप्रभ स्थिति को लेकर किसान आन्दोलन को कमजोर समझने की भूल नहीं करे।
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नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूरी पार्टी तीनों कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी शक्ल देने की मांग को लेकर चल रहे किसान आन्दोलन के साथ है और रहेगी। उन्होंने कहा है कि कार्यपालिका पार्टी वर्कर की तरह काम करने की जगह नियमानुसार काम करे।