कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के बीच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में एक ऐसे किसान नेता पर लगाम कसा है, जिनका संगठन किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार और किसानों के बीच हुई 9 दौर की वार्ता में शामिल रहा है। हम बात कर रहे हैं किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा की लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) नामक संगठन के अध्यक्ष हैं।

एनआईए ने किसान नेता को थमाई नोटिस
दरअसल, टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने बलदेव सिंह सिरसा को नोटिस थमाई है और पूछताछ के लिए 17 जनवरी को पेश होने का आदेश सुनाया है। बताया जा रहा है कि सिरसा को टेरर फंडिंग के जुड़े केस के संबंध में गवाह के रूप में बुलाया है।
एनआईए आजकल उन गैर सरकारी संगठनों की फेहरिस्त तैयार कर रही है जिनके तार खालिस्तानी संगठनों से जुड़े होने की आशंका है। एनआईए ने ऐसे संगठनों की जांच भी कर रही है जिन्हें खालिस्तानी संगठनों की ओर से फंड मिला है। एनआईए सूत्रों का दावा है कि सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन भारत में गैर सरकारी संगठनों को आतंक फैलाने के लिए उकसाने के लिए धन मुहैया करा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बीते 52 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में विदेशों में भी प्रदर्शन देखने को मिले थे। इन प्रदर्शन के दौरान कई ऐसे सदस्य भी देखने को मिले थे जिनके संबंध प्रतिबंधित संगठनों से है। इसी मामले को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 12 दिसम्बर को एनआईए, ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, सीबीआई और एफसीआरए के साथ बैठक की थी।
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इस बैठक में फैसला किया गया था कि एजेंसियां सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े फंडिंग मामलों की जांच करेंगी।
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