कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन बीते 51 दिनों से लगातार जारी है। इस आंदोलन के बीच शुक्रवार को सरकार और आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच नौवें दौर की वार्ता हुई। हालांकि, दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई बैठक इस बार भी बेनतीजा ही साबित हुई है। इस बैठक से बाहर निकलकर एक किसान नेता ने बताया कि बैठक के दौरान कोई निष्कर्ष नहीं निकला। न तो MSP पर और न ही कृषि कानूनों पर। अगले दौर की बैठक के लिए 19 जनवरी का दिन निर्धारित किया गया है।
किसान नेता ने दी यह जानकारी
बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकेत ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वो कानून को रद्द करने की अपनी मांग पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि 2 ही बिंदु हैं, कृषि के 3 कानून वापस हो और एमएसपी पर बात हो।
किसान नेता राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि किसान सरकार से ही हम बात करेंगे। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट की कमेटी के पास नहीं जाएंगे, हम सरकार से ही बात करेंगे। हमारी प्राथमिकता एमएसपी रहेगी। सरकार एमएसपी से भाग रही है।
नौवें दौर की बैठक से बाहर निकलने के बाद एक किसान नेता ने कहा कि कोई समाधान नहीं निकला, न कृषि क़ानूनों पर न MSP पर। 19 जनवरी को फिर से मुलाकात होगी।
बैठक से बाहर आने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान यूनियन के साथ 9वें दौर की वार्ता समाप्त हुई। तीनों क़ानूनों पर चर्चा हुई। आवश्यक वस्तु अधिनियम पर विस्तार से चर्चा हुई। उनकी शंकाओं के समाधान की कोशिश की गई। यूनियन और सरकार ने तय किया की 19 जनवरी को 12 बजे फिर से चर्चा होगी।
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के प्रति हम सभी की प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारत सरकार स्वागत करती है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है जब वो कमेटी भारत सरकार को बुलाएगी तब हम उस कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है वो भी समाधान ढूंढने के लिए है।