whatsapp ने हाल ही में अपनी एक नई प्राइवेसी पॉलिसी पेश की है, जिस पर यूजर्स को अपनी सहमती जतानी होगी। अगर यूजर ऐसा नहीं करता है तो उसका अकाउंट डिलीट कर दिया जायेगा। ये नई प्राइवेसी पॉलिसी को 8 फरवरी 2021 तक एक्सेप्ट करना जरुरी है। इसे लेकर कंफडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने आपत्ति जाहिर की है।
बता दें कि कंफडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को पत्र लिखकर सरकार से WhatsApp को उसकी नयी प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने पर रोक लागाने को कहा है। कैट ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में सरकार को whatsapp के साथ-साथ उसकी पेरेंट कंपनी Facebook पर भी बैन लगा देना चाहिए।
क्यों हो रहा है whatsapp की नई पॉलिसी का विरोध
कैट का दावा है कि WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलसी में यूजर्स के सभी तरह के डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें निजी जानकारियों से लेकर, लेनदेन की जानकारी, संपर्क, लोकेशन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं, जिन्हें WhatsApp एकत्रित करेगी। उसके बाद वह किसी भी प्रयोजन के लिए इसका उपयोग कर सकती है।
सूचना मंत्री को लिखे पत्र में क्या कहा गया
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद को लिखे पत्र में कैट ने सरकार से ‘WhatsApp को उसकी नयी प्राइवेसी पॉलिसी लागू करने से तत्काल रोकने का अनुरोध किया या फिर WhatsApp और उसकी पेरेंट कंपनी फेसबुक पर तत्काल बैन लगाने की मांग रखी ।’
देश की सुरक्षा के लिए घातक
कैट ने WhatsApp के इस प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को देश के लिए घातक बताया। उसका कहना है कि देश में Facebook के 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। ऐसे में हर यूजर के डेटा तक पहुंच होने से ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा संकट है। बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी घातक है।
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WhatsApp की प्रतिक्रिया
पीटीआई की खबर के मुताबिक एक ई-मेल के जवाब में WhatsApp के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘WhatsApp की नयी प्राइवेसी पॉलिसी पारदर्शिता बढ़ाती है। इसका मकसद बिजनेस को अधिक मदद उपलब्ध कराना है जहां वह उसकी पेरेंट कंपनी फेसबुक की अन्य सुरक्षित सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे, जो उन्हें अपने ग्राहकों के साथ बेहतर संपर्क स्थापित करने में मदद करेगी। कंपनी ने कहा, ‘‘ WhatsApp के Facebook के साथ डेटा शेयर करने की नीति से लोग WhatsApp पर अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से किस तरह बात करते हैं, उसमें कोई बदलाव नहीं आएगा। साथ लोग बिजनेस कंपनियों के साथ WhatsApp पर बातचीत करना चाहते हैं या नहीं, यह उन पर ही निर्भर करेगा।’’