देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ लागू किये गए अध्यादेश को लेकर बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, बुधवार को इस मामले को लेकर हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस अध्यादेश पर रोक लगाने से साफ़ इंकार कर दिया है। हालांकि देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश को भी लव जिदाफ के खिलाफ बने अध्यादेश को लेकर नोटिस थमाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह आदेश
दरअसल, उत्तर प्रदेश लव जिहाद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को अदालत ने कहा कि पहले इस अध्यादेशों की संवैधानिकता की जांच होगी, उसके बाद ही कोई फैसला सुनाया जा जाएगा।
बुधवार को जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सॉलिसिटर जनरल ने उच्च न्यायालय का जिक्र किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से क़हा कि इस मामले में पहले से ही हाईकोर्ट में सुनवाई हो रहा है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट न जाकर सीधे सुप्रीम कोर्ट आने का कारण पूछा।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि इस अध्यादेश पर तुरंत रोक लगा दी जाए, इसकी आड़ में अंतरधार्मिक विवाह करने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। लोगों को शादियों से ही उठा लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़े एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने, लालच देकर या शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाने वालों को कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ने भी ऐसा ही एक अध्यादेश लागू किया था और अपने यहां पांच लाख के जुर्माने, दस साल तक की सजा का प्रावधान रखा था। अन्य कई भाजपा शासित राज्यों में इस तरह के कानून लाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों, समाज के अलग-अलग तबकों ने इसपर आपत्ति जाहिर की है।