उत्तराखंड की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को कांग्रेस से माफी मांगनी पड़ी है। उनकी माफी की वजह सूबे के बीजेपी अध्यक्ष बंसीधर भगत का वह बयान है जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेत्री और नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश को लेकर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया था। उनके इस बयान पर सियासी गलियारों में बढ़ी हलचल को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने माफी मांगी है।
कांग्रेस नेत्री को लेकर बीजेपी अध्यक्ष ने दिया यह बयान
दरअसल, बीते दिनों उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष बंसीधर भगत ने अपने एक बयान में कांग्रेस नेत्री इंदिरा हृदयेश को बुढ़िया शब्द से संबोधित किया था। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। इस वीडियो में बीजेपी अध्यक्ष यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि हमारी नेता प्रतिपक्ष कह रही हैं कि बीजेपी के बहुत से विधायक मेरे संपर्क में हैं। अरे बुढ़िया, तुझसे क्यों संपर्क करेंगे, तुझसे संपर्क करेंगे? क्या डूबते जहाज से संपर्क करेंगे? वह कांग्रेस नेत्री के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी के पांच से छह-विधायक उनके संपर्क में हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बीजेपी अध्यक्ष के इस वीडियो पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आती नजर आ रही हैं। जब यह पूरा मामला अभी स्वस्थ होकर वापस लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की संज्ञान में आया तो उन्होंने कांग्रेस नेत्री से बीजेपी अध्यक्ष के बयान को लेकर माफी मांगी। सीएम रावत ने ट्वीट किया कि आदरणीय इंदिरा हृदयेश बहिन जी, आज मैं अति दुखी हूं। महिला हमारे लिए अति सम्मानित व पूज्या हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से आपसे व उन सभी से क्षमा चाहता हं जो मेरी तरह दुखी हैं। मैं कल आपसे व्यक्तिगत बात करूंगा व पुनः क्षमा याचना करूंगा।
उधर बंसीधर के बयान पर इंदिरा हृदयेश ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें बंशीधर भगत के अमर्यादित भाषा पर बहुत दुख और कष्ट हुआ है। कहा कि उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में भारतीय संस्कृति का दावा करने वाले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने जिस तरह से अपमान किया है उसे देश की नारी, उत्तराखंड की नारी, पहाड़ की महिलाएं ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी।
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इंदिरा हृदयेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार को, देश की सरकार को, प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस पर नोटिस देना चाहिए और बंशीधर भगत से इसका जवाब देना चाहिए। कहा कि ऐसी अमर्यादित भाषा बोलने की अपेक्षा मैं पार्टी के नेतृत्व से कम से कम में नहीं करती हूं। मेरी मांग है