नई दिल्ली। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से बीते सप्ताह जारी की गई नई वीजा नीति के खिलाफ टेक कंपनियों और राज्यों ने मोर्चा खोल दिया है। गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट समेत 12 से ज्यादा टेक कंपनियों और कई राज्यों ने इस वीजा नीति को लेकर ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया है।
टेक कंपनियों और राज्यों ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ऑफ मैसाचुसेट्स में मुकदमा दर्ज कराया है। यह मुकदमा डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) और अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (आईसीआई) के खिलाफ दर्ज कराया है।
टेक कंपनियों का कहना है कि यह नई वीजा नीति क्रूर, आकस्मिक और गैर-कानूनी है। कंपनियों ने नई वीजा नीति पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की है।
नई वीजा नीति के विरोध में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ 60 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों ने भी मुकदमा दर्ज कराया है। 2018-19 एकेडमिक ईयर में अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र थे। अकेले मैसाचुसेट्स में ही 77 हजार से ज्यादा विदेशी छात्र है जो हर साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 3.2 बिलियन डॉलर का योगदान देते हैं।
स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम (एसईवीपी) के मुताबिक, इस साल जनवरी में 1,94,556 भारतीय छात्र अमेरिका के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में एनरोल थे। इसमें 1,26,132 मेल और 68,405 फीमेल स्टूडेंट हैं। नई वीजा नीति के लागू होने पर भारतीय छात्र भी प्रभावित होंगे।
क्या है ट्रंप प्रशासन की नई वीजा नीति
ट्रंप प्रशासन ने 6 जुलाई को नई वीजा नीति जारी की थी। इसमें विदेशी छात्रों के लिए कक्षा में जाकर पढ़ाई को अनिवार्य किया गया था। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो छात्र कक्षाओं में जाकर पढ़ाई नहीं करेंगे, उनका वीजा सस्पेंड कर दिया जाएगा। नई वीजा नीति में कहा गया था कि जो विदेशी छात्र घर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई करेंगे, उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा।