पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से गारमं हुए सियासी माहौल के बीच बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं। इन दोनों दलों के बीच जारी इस वाकयुद्ध में अब कांग्रेस की एंट्री हुई है। दरअसल, सूबे में बीजेपी की बढती ताकत के लिए कांग्रेस ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ममता बनर्जी अपने किये की सजा भुगत रही हैं।
कांग्रेस नेता ने ममता बनर्जी पर लगाए आरोप
ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी अपने किए कामों का ही नतीजा भुगत रही हैं, उन्होंने विपक्षी दलों पर प्रदेश की सत्ता का दुरुपयोग किया, कांग्रेस और लेफ्ट के विधायकों की खरीद-फरोख्त की।
अधीर रंजन ने कहा कि बीजेपी उसी तरीके से प्रदेश में टीएमसी के सांसदों और विधायकों को खरीद रही थी जैसे ममता बनर्जी कांग्रेस और लेफ्ट के विधायकों को खरीद रही थीं। अगर आज बीजेपी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के नेताओं को खरीदने के लिए खरीदने के लिए जानी जाती है तो प्रदेश स्तर पर वही मुकाम टीएमसी ने भी हासिल किया है। ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को कई महीनों तक मेरे संसदीक्ष क्षेत्र में तैनात रखा ताकि मुझे हराया जा सके लेकिन अब वही बीजेपी अधिकारी की मदद से ममता बनर्जी के खिलाफ कर रही है।
टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन से जुड़े सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जिम्मेदारी ममता बनर्जी की थी कि वह वह कांग्रेस व अन्य दलों के पास गठबंधन के लिए आतीं। मैंने और कांग्रेस ने कई बार ममता बनर्जी को चेताया था कि दंभ छोड़िए, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी। प्रदेश में भाजपा की जड़े मजबूत होने के लिए अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा के लिए दरवाजे खोलने के लिए ममता बनर्जी को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। ममता बनर्जी ने ही ने 1999 में भाजपे के साथ गठबंधन किया था।
बीजेपी पर सांप्रदायिक पार्टी होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा कि ममता बनर्जी ने बीजेपी और आरएसएस को प्रदेश में आने का रास्ता दिया। पिछले 10 साल के कार्यकाल में ममता बनर्जी ने विपक्ष को खत्म करने की हर संभव कोशिश की। प्रदेश में सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसपर चौधरी ने कहा कि यह हाई कमान फैसला लेगा, पार्टी के कार्यकर्ता पहले ही टीएमसी के राज्य को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं।