कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की तपिश में गुरूवार दिल्ली विधानसभा का माहौल गर्म हो गया। दरअसल, विधानसभा में गुरूवार को कृषि कानूनों का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी आक्रामक नजर आए। उन्होंने विधानसभा में कृषि कानूनों की तीनों प्रतियां फाड़ते हुए कहा कि वह देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकते।
केजरीवाल ने दिया बड़ा बयान
दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कानूनों को भाजपा के चुनावी ‘फंडिंग’ के लिए बनाया गया है और यह किसानों के लिए नहीं है। उन्होंने तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़ते हुए कहा कि मुझे ऐसा करते हुए दुख हो रहा है। मैं ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन मैं देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकता…जो ठंड में सड़कों पर सो रहे हैं।।जब तापमान दो डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
केजरीवाल ने कहा कि मैं सबसे पहले इस देश का नागरिक हूं, मुख्यमंत्री बाद में। विधानसभा तीनों कानूनों को खारिज करती है और केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक 20 प्रदर्शनकारी किसानों की मौत हो चुकी है और कहा कि केंद्र को अब ‘जाग’ जाना चाहिए।
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केजरीवाल ने कहा कि केंद्र इस मुगालते में ना रहे कि किसान वापस अपने घर चले जाएंगे। वर्ष 1907 में किसानों का प्रदर्शन नौ महीनों तक चलता रहा जब तक कि ब्रिटिश शासकों ने कुछ कानूनों को निरस्त नहीं कर दिया।