न्यूजीलैंड की संसद में बीते बुधवार को एक ऐसी घटना घटी, जिसे सुनकर आप चकित हो जाएंगे। दरअसल, बीते दिन संसद में न्यूजीलैंड के नवनिर्वाचित सांसदों में से एक युवा सांसद ने संस्कृत भाषा में अपना शपथ ग्रहण किया। न्यूजीलैंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी सांसद ने सदन में संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण किया हो। यह काम भारतीय मूल के न्यूजीलैंड के सांसद डॉ गौरव शर्मा ने किया।
संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण करके दूसरे सांसद बने डॉ शर्मा
न्यूजीलैंड और समोआ में भारत के उच्चायुक्त मुक्तेश परदेशी ने ट्वीट कर कहा कि शर्मा ने भारत और न्यूजीलैंड की सांस्कृतिक परंपराओं के प्रति गहरा सम्मान जताते हुए पहले न्यूजीलैंड की भाषा माओरी में शपथ ली और फिर उसके बाद उन्होंने भारतीय भाषा संस्कृत में शपथ ली।
बता दें कि गौरव शर्मा ने ऑकलैंड से एमबीबीएस किया है और वाशिंगटन से एमबीए की डिग्री हासिल की है। वह हैमिल्टन के नॉटन में जनरल प्रैक्टिशनर के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड, स्पेन, अमेरिका, नेपाल, वियतनाम, मंगोलिया, स्विट्जरलैंड और भारत में लोक स्वास्थ्य एवं नीति निर्धारण के क्षेत्र में काम किया है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से ताल्लुक रखने वाले डॉ। शर्मा 33 साल के हैं। वह हाल ही में न्यूजीलैंड के हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के सांसद (Member of Parliament) चुने गए हैं।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने फिर उठाया वन नेशन, वन इलेक्शन का मुद्दा, दिया बड़ा बयान
न्यूजीलैंड में भले ही गौरव पहले ऐसे व्यक्ति हो जिन्होंने संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण किया को, लेकिन अगर विश्व की बात करें तो उनका स्थान दूसरा है। उनसे पहले सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने इस साल जुलाई में संस्कृत में शपथ ली थी।