वाराणसी। वाराणसी में सनसनी फैलाने वाली घटना शनिवार सुबह हुई। यहां लालपुर मस्जिद के निकट चेचेरे बड़े भाई के मकान में ट्रांसपोर्ट व्यवसायी शाहिद इकबाल उर्फ मुन्ना (45) को उनके भतीजे ने ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
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घटनास्थल पर ही ट्रांसपोर्टर की मौत हो गई। घर में कोहराम मच गया। आरोपित भतीजा फरीद उर्फ जुगनू (35) फरार हो गया। खबरों के मुताबिक एसएसपी अमित पाठक ने घटनास्थल का मुआयना करने के साथ ही घर के सदस्यों से पूछताछ की। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। गोली ट्रांसपोर्टर की कनपटी पर दाएं तरफ मारी गई।
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घटनाक्रम: भतीजे ने चाचा को गोली से उड़ाया
बताया जा रहा है कि शाहिद इकबाल के पिता दो भाई थे। दूसरे भाई से मुश्ताक और मजीद थे। दो दशक पहले मजीद की हत्या हो चुकी है। उसके दो बेटे मुश्ताक के मकान से एक मकान बाद रहते हैं। मुश्ताक अपने दो बेटों के परिवार के साथ रहते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे के घर आते-जाते रहते हैं। मुश्ताक के खालू की बेटी की शादी एक दिन पहले थी। इसमें मेहमान आये हुए थे। सुबह करीब 11 बजे सड़क पार के मकान से शाहिद इकबाल, उनकी पत्नी चांदरानी मुश्ताक के घर पहुंचे। घर के पिछले हिस्से में शाहिद इकबाल, मुश्ताक व अन्य सदस्य बैठकर सेब खा रहे थे। मुश्ताक ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इसी दौरान 10 मिनट बाद उनका भतीजा फरीद उर्फ जुगनू आया। वह भी साथ बैठा था। इसी बीच आगे के कमरे में बैठे चंदौली से आये मेहमानों को विदा करने के लिए सभी उठे। मुश्ताक के पीछे शाहिद इकबाल उर्फ मुन्ना भी उठे और साथ चलने लगे। इसी बीच जुगनू उठा और कनपटी पर असलहा सटाकर गोली मार दी। गोली लगते ही शाहिद फर्श पर गिर पड़े और जुगनू मकान के पिछले हिस्से के रास्ते से भाग निकला।
जमीनी विवाद में हुई हत्या
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि जमीन विवाद में मजीद की हत्या हुई थी। इसमें शाहिद इकबाल नामजद किया गया था। उक्त प्रकरण में जेल काटकर वह बाहर आया था। हालांकि इसके बाद सभी परिवार के बीच रिश्ते सामान्य हो गये थे। एसएसपी ने बताया कि पुलिस पुराने मामले के साथ ही इधर बीच के घटनाक्रम की जानकारी ले रही है। फरीद की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।