कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के चौबेपुर में हुई मुठभेड़ में करीब 75 घंटे बीत जाने के बाद भी अपराधी विकास दुबे का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। इस मामले में लापरवाही बरतने में तीन और पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आठ पुलिस कर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस की कई दर्जन टीमें उसकी तलाश में लगी हुई है।
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही करने पर चौबेपुर के उपनिरीक्षक कुंवर पाल, उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार (केके) शर्मा और आरक्षी राजीव को निलंबित कर दिया गया है। जैसे-जैसे मामले में जानकारी मिल रही लगातार दबिश दी जा रही है। सभी थानों की टीमें अलर्ट हैं।
हिस्ट्रीशीटर विकास को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस की टीमें दबिश देने के लिए आ रही हैं। विकास ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमले का प्लान तैयार कर लिया था। विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। उस तक यह सूचना कौन पहुंचा रहा था, इसकी जांच चल रही है। इससे पहले चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी को भी संस्पेंड किया जा चुका है।
उधर पुलिस अधिकारी रोजाना बिकरू गांव पहुंच रहे और घटना में शामिल विकास समेत सभी बदमाशों का आपराधिक इतिहास खंगाल रहे हैं। राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया है। नेपाल बर्डर पर भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। विकास की लास्ट लोकेशन पुलिस ने औरैया में ट्रेस की थी। वहीं पुलिस ने बिकरू गांव में विकास के मकान को जमींदोज कर दिया है। उसके घर से भारी मात्रा में असलहा बारूद मिला है।
आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार मंडल स्तर पर पुलिस की कई दर्जन टीमों को लगाया गया है, जबकि मुख्यालय स्तर से भी कई टीमों को मोस्टवांटेड विकास दुबे की तलाश में लगाया गया है। इसमें एसटीएफ की भी टीमें शामिल हैं। इस सर्च अपरेशन में कई सौ पुलिस वाले प्रदेश और राज्य से बाहर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश कर रहे हैं।
पुलिस को कल विकास के घर से हथियार और गोला बारूद भी मिला है। एएसपी पी दिनेश कुमार के अनुसार 6 तमंचे और 15 बम के अलावा 25 करतूसे भी मिली है। जिस तरह से उसके यहां हथियार मिले है। उसके अन्य कनेक्शनों पर भी पुलिस नजर रख रही है।
मोस्ट वांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ वारदात में शामिल रहे साथी दयाशंकर अग्निहोत्री उर्फ कल्लू को पुलिस ने पूंछताछ कर रही है। उसने भी कुछ जरूरी राज पुलिस को बताएं हैं।