नयी दिल्ली। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के नव-निर्वाचित सदस्यों में 280 सदस्य ऐसे हैं जो पहली बार सदन में प्रवेश करेंगे जबकि 2019 के संसदीय चुनावों में 267 सदस्य पहली बार सांसद बने थे। चुनाव विश्लेषण करने वाले थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 263 नवनिर्वाचित सांसद पिछली बार भी लोकसभा के सदस्य थे। इसके अलावा, 16 सांसद राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं और इनमें से एक तो सात बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
दोबारा निर्वाचित हुए सांसदों में से आठ ने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल दिया और एक सदस्य को दो निर्वाचन क्षेत्रों से पुन: चुना गया। देश की 17वीं लोकसभा में पुन: निर्वाचित हुए नौ सांसदों ने एक अलग पार्टी का प्रतिनिधित्व किया था, जबकि आठ अन्य सांसद उस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे जो अपनी पिछली पार्टी से अलग हुई थी। चुनाव लड़ने वाले 53 मंत्रियों में से 35 को जीत हासिल हुई।
नई और 18वीं लोकसभा में 240 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं, कांग्रेस 99 सीट जीत कर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके बाद 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान पर है।