लॉकडाउन और कोरोना काल में दर्ज मुकदमों को लेकर उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार एक बड़ा फैसला है। दरअसल, योगी सरकार इन मुकदमों को वापस लेने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में सूबे के कानून मंत्रालय द्वारा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गए हैं। योगी सरकार ने फैसला किया है कि व्यापारियों के साथ ही अन्य लोगों पर दर्ज ऐसे मुकदमे हटाए जाएंगे।
योगी सरकार ने जारी किये दिशा निर्देश
इस संबंध में कानून मंत्रालय ने प्रमुख सचिव को दिशा-निर्देश जारी करते दिए हैं और प्रदेश भर में दर्ज मुकदमों का ब्योरा जुटाने को कहा है। योगी सरकार का यह फैसला व्यापारियों, मजदूरों और किसानों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के इस फैसले के बाद अब इन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
योगी सरकार का मानना है कि कोरोना काल के दौरान दर्ज हुए मुकदमों से आम लोगों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ेगी। थानों में दर्ज एफआईआर को हवाला देते हुए पुलिस को लोगों को परेशान करने का मौका मिल सकता है।
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अभी तक ऐसा कोई भी राज्य नहीं है, जिसने इस तरह के दिशा निर्देश जारी किये हैं। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन जाएगा। बताया जा रहा है कि योगी सरकार इन मुकदमों की वापसी के जरिए जहां व्यापारियों के साथ आम लोगों को बड़ी राहत देने जा रही है, वहीं उन्हें भविष्य में ऐसी स्थितियों में विशेष एहतियात बरतने की चेतावनी भी देगी।
इन मुकदमों की वापसी से पुलिस और न्यायालय से भी बोझ कम होगा और उन्हे आवश्यक चीजों की जांच के लिए मौका मिल सकेगा।
कानून मंत्री बृजेश पाठक जी द्वारा लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों पर दज॔ मुकदमे वापसी के निर्देश देने का उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल ने स्वागत किया। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कानून मंत्री को व्यापारियों की पीड़ा समझने तथा उन्हें राहत देने के लिए धन्यवाद दिया। व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कानून मंत्री के इस फैसले से व्यापारियों को राहत मिलेगी।