मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फटी जीन्स वाले बयान पर देश भर में बवाल जारी है। लेकिन बाल आयोग से लेकर उत्तराखंड महिला आयोग सीएम तीरथ के भाव को गलत नहीं मानती। इन आयोग के अध्यक्ष को लगता है कि मुख्यमंत्री के बयान को राजनीतिक रूप से लेकर गलत तरीके से पेश किया गया।
सीएम के महिलायों के श्रेडेड जीन्स को लेकर दिये बयान पर हो रही राजनीति को राज्य महिला आयोग लेकर बयान दिया था। उन्होंने नशे की बढ़ती लत को लेकर अपना भाव बताया था न कि उनकी महिलाओं को लेकर मानसिकता खराब थी। नशे की बढ़ती प्रवृति को लेकर दिये बयान के मायने कुछ और ही निकाले गये।
बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि कार्यक्रम हमने आयोजित करवाया था और हम बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने उसी संदर्भ में बात कही थी मगर उसे गलत तरीके से पेश किया गया।
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वहीं, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने कहा कि भाव गलत नहीं था, न ही किसी महिला की भावना को सीएम तीरथ आहत करना चाहते थे। मगर इसे लेकर जो देश भर में महिलाओं के द्वारा प्रदर्शन हो रहे हैं या जिनकी भावना आहत हुई है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
बाल आयोग और महिला आयोग की प्रतिक्रिया से कांग्रेस भड़की
वहीं दोनों आयोग के अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री का बचाव करने पर कांग्रेस भड़क उठी है। पार्टी की सोशल मीडिया प्रभारी शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि महिला आयोग और बाल आयोग को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। राजनीति की बातें संवैधानिक पद पर रहते हुए कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग को खुद इस मामले में महिलाओं के हित को देखते हुए संज्ञान लेना चाहिए था। उनका इस तरह के बयान देना ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम बाल आयोग का था और उसमें शिरकत करने महिला आयोग की अध्यक्ष भी पहुंची थी। लेकिन यहां उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान पर जो अपनी प्रतिक्रिया दी वो अब महिलाओं को ही खटक रहा है।