उत्तर प्रदेश कांग्रेस में भी रार सामने आई है। जातीय समीकरण को लेकर यूपी में सत्ता की कुर्सी तक जाने का प्रयास कर रही कांग्रेस में गुटबाजी होती नजर आ रही है। विधानसभा चुनावों से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रभारी और प्रियंका गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले अंकित पांडेय ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर सवर्ण और खासतौर पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाया है। अंकित ने सभी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफा देने के बाद पार्टी ने भी उन्हें सभी पदों से निलंबित कर दिया है।
इसलिए बनाया था वाराणसी का प्रभारी
आजमगढ़ जिले के इटैली गांव के रहने वाले अंकित पांडेय की गिनती जुझारू युवा नेताओं में होती है। कम समय में अपनी कार्य कुशलता के दम पर ही उन्होंने कांग्रेस में काफी लंबा सफर तय किया। अंकित प्रियंका गांधी के बेहद करीबी बताया जाता है। यही कारण है कि अंकित को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वारणसी का प्रभारी भी बनाया गया। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा हाल में लिए गए फैसलों से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ी है।
यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी ने पकड़ी केजरीवाल की राह, राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री के लिए खेला बड़ा दांव
अजय लल्लू की सवर्ण विरोधी मानसिकता
अंकित का आरोप है कि अजय कुमार लल्लू सवर्ण विरोधी मानसिकता के है, खासतौर पर ब्राह्मण। लल्लू संगठन में लगातार सवर्णों की अनदेखी कर रहे हैं साथ ही उन्हें किनारे लगाने में जुटे है। अजय कुमार की गलत फैसलों के कारण पार्टी को भारी नुकसान पहुंच रहा है। जो पार्टी प्रियंका के नेतृत्व में भाजपा का विकल्प बनने की तरफ बढ़ रही है उसे कमजोर करने का कोई मौका लल्लू नहीं छोड़ रहे। किसी और पार्टी में शामिल होने के बारे में अंकित का कहना है कि कांग्रेस उनकी आत्मा में बसी है। अभी उन्होंने ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। वहीं दूसरी तरफ कयास लगाए जा रहे हैं कि अंकित भाजपा में शामिल हो सकते है। आगे क्या होगा यह तो समय बतायेगा लेकिन अंकित के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।