कोयले की आपूर्ति में कमी के कारण राजस्थान के कई बिजली घरों में उत्पादन घटने से बिजली संकट पैदा हो गया है। बिजली संकट को लेकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष राज्य सरकार बरस रहा है। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्य में बिजली आपूर्ति को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार के कुप्रबंधन के कारण राज्य में अघोषित बिजली कटौती है।
राजे ने एक बयान में कहा कि गांवों में ही नहीं बिजली कटौती से शहरों में भी लोग परेशान हैं। राजे के अनुसार सबसे बड़ा सूरतगढ़ सुपर थर्मल बिजली संयंत्र ठप हो गया है। वहां कोल रैक नहीं मिलने के कारण 250-250 मेगावाट की सभी छह इकाइयां बंद हो गई हैं। इसके अलावा भी कई बिजलीघर बंद है और कई बंद होने की स्थिति में हैं। राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया है।
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, “कालीसिंध व सूरतगढ़ थर्मल प्लांट की यूनिटें बंद होने से 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। सरकार कोयला संकट को दूर कर बिजली आपूर्ति व्यवस्था में सुधार लाएं अन्यथा जनाक्रोश के लिए तैयार रहे।”
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वहीं राज्य के ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला शनिवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने राज्य को कोयला आपूर्ति सुचारू करने के लिए अधिकारियों से बातचीत की। ऊर्जा मंत्री कल्ला ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि कमजोर मानसून व कोयले की आपूर्ति बाधित होने के कारण कुछ दिक्कत हुई है। केंद्र सरकार व कोयला कंपनियों के साथ बातचीत कर समस्या को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।