देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने एक-दूसरे को घेरने की तैयारी कर ली है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस सत्र को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सत्रावसान 27 अगस्त को होगा। इसके बाद पक्ष और विपक्ष दोनों जनता के बीच जाने की तैयारी में जुट जाएंगे। सरकार सदन में जरूरी बजट और महत्वपूर्ण विधेयकों को रखेगी।

कांग्रेस सदन में देवस्थानम बोर्ड और भू-कानून पर प्राइवेट मेंबर बिल लाकर भाजपा के सामने चुनौती खड़ी करने की कोशिश करेगी। इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता बदले होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहली बार नेता सदन और प्रीतम सिंह नेता विपक्ष होंगे। सदस्य संख्या कम होने के बावजूद कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे को उछालने में नहीं चूकेगी।
कांग्रेस इस मुद्दे पर पुरोहितों को लुभाने में कोई कोर-कसर बकाया नहीं छोड़ना चाहेगी। वह पहले ही सत्ता में आने पर देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने का वादा कर चुकी है। भाजपा भी चुनाव को देखते हुए तीर्थ पुरोहितों को नाराज नहीं करना चाहती। संभव है सरकार की तरफ से कोई बड़ी घोषणा हो।
जानकारी के अनुसार सरकार ने मानसून सत्र की तैयारियां पूरी कर ली हैं। कोविड प्रोटोकॉल के तहत सदन में 40 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल शनिवार को समूचे विधानसभा परिसर और सदन का निरीक्षण कर चुके हैं। अग्रवाल के मुताबिक कोरोना संकट के चलते सदन में मात्र 40 विधायकों के बैठने का इंतजाम किया गया है। प्रकाश पंत भवन के कक्ष संख्या 107 में 30 विधायकों के बैठने की व्यवस्था है। यहां से विधायकों के सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए हर तरह का इंतजाम किया गया है। सत्र के दौरान अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था कक्ष संख्या 120 में की गई है। मीडिया कर्मियों के लिए परिसर में वॉटर प्रूफ टेंट लगाया जाएगा। यहां पर सदन की कार्यवाही को एलसीडी के माध्यम से लाइव देखा जा सकेगा।
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