बीते दिनों नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में ममता बनर्जी के सामने जय श्रीराम के नारे लगे थे। इन घटना को लेकर नारों को तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने निंदनीय करार देते हुए अपना रोष प्रकट किया था। अब नुसरत जहां ने एक बार फिर जय श्रीराम पर प्रतिक्रिया देते हुए नया सियासी विवाद खड़ा किया है।
तृणमूल सांसद ने बताया अल्पसंख्यकों का डर
दरअसल, तृणमूल कांग्रेस की सांसद व अभिनेत्री नुसरत जहां ने कहा है कि जय श्रीराम एक राजनीतिक नारा है, यह कोई धार्मिक नारा नहीं है। उन्होंने यह बयान एक निजी टीवी चैनल की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में के दौरान तब दिया जब जय श्रीराम को लेकर ममता बनर्जी की आपत्ति के बारे में पूछा गया।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों का विकास न किए जाने से जुड़े सवाल पर तृणमूल सांसद ने कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हकीकत यह है कि पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इस बात से डरे हुए हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार यहां बनती है तो उनकी उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
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राजनीति को अपने लिए गेमचेंजर करार देते हुए तृणमूल सांसद ने कहा कि वह सांसद के तौर पर अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को बड़े पैमाने पर राजनीति से जुड़ना चाहिए। पश्चिम बंगाल की सभ्यता और संस्कृति का जिक्र करते हुए नुसरत जहां ने कहा कि यहां होने वाली मां दुर्गा की पूजा महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।