प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को बड़ा ऐलान करते हुए केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापस लिए जाने के ऐलान कर दिया। इस बड़े ऐलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों का आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा।
गुरुपर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद किसान समाज में हर्ष का माहौल है। दिल्ली के गाजीपुर बार्डर पर जलेबी बांटी गई। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम के ऐलान पर ट्वीट कर कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा।
पालघर में राकेश टिकैत ने कहा कि अगर समझने में एक साल लगा तो देश बर्बाद हो जाएगा। 750 किसानों के आस पास किसान शहीद हो गए। हम लोग 1 साल से आंदोलन कर रहे हैं। देश की राजधानी को घेर कर रखे हुए हैं। ये सरकार के लिए शर्म की बात है।
MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगाः हन्नान मौला
इस बीच कृषि कानूनों की वापसी कल शनिवार को किसान संगठनों की ‘महाबैठक’ होगी। इस अहम बैठक में आगे की रणनीति पर फैसला होगा।
कृषि कानून रद्द होने पर ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने दिल्ली में कहा, ‘मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं। जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी। MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा।’
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घटनाक्रम पर जल्द बैठक करेंगेः किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के ऐलान पर कहा कि मोर्चा इस निर्णय का स्वागत करता है और उचित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेगा। मोर्चा ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह भी याद दिलाया कि किसानों का आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के खिलाफ है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों तथा सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है। किसानों की यह अहम मांग अभी बाकी है। मोर्चा इन सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा, जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।
पीएम मोदी ने आज क्या कहा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधने में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज ही सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती जरुरतों को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए एमएसपी को और अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे।