एक तरफ भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज का समापन हुआ तो दूसरी तरफ पिछले 18 साल से भारतीय क्रिकेट का हिस्सा रहे विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया। पार्थिव पटेल ने 35 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।

2018 में टीम इंडिया के लिए आखिरी बार खेलने वाले पार्थिव पटेल अब क्रिकेट के किसी फॉर्म में खेलते हुए नज़र नहीं आएंगे। साल 2002 में इंग्लैंड दौरे पर महज 17 साल की उम्र में पार्थिव पटेल ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। पार्थिव पटेल इस साल आईपीएल में आरसीबी का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया।
पटेल ने 18 साल के करियर में 25 टेस्ट मैच, 38 वनडे और 2 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। 17साल की उम्र में पार्थिव ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। अपने 25 टेस्ट में पार्थिव ने 6 अर्धशतक जमाए और साथ ही 38 वनडे में 4 अर्धशतक जमाने में सफल रहे।
लिखा भावुक खत-
पार्थिव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने अपने पोस्ट में पार्थिव ने सभी क्रिकेटरों को धन्यवाद कहा है जिनके साथ वो खेले। पार्थिव पटेल ने अपने फर्स्ट क्लास करियर में 194 मैच खेले। पार्थिन ने साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। जब पार्थिव ने टेस्ट में डेब्यू किया उस समय वो टेस्ट में सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाले विकेटकीपर बने थे। अपने करियर के शुरूआत में पार्थिव ने शानदार शुरूआत किया लेकिन दिनेश कार्तिक और धोनी के भारतीय क्रिकेट में आने से उनका इंटरनेशनल करियर काफी प्रभावित हुआ।
विकेटकीपर के तौर पर पार्थिव ने साल 2018 में भारत की ओर से अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। पटेल ने गुजरात के लिए पहला रणजी ट्रोफी मैच भारत के लिए डेब्यू करने के दो साल दो महीने बाद नवंबर 2004 में खेला। आईपीएल में पार्थिव आखिरी पार आरसीबी टीम की ओर से खेले थे।
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पार्थिव ने ट्विटर पर शेयर की गई अपने रिटायरमेंट पोस्ट में भारतीय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को धन्यवाद कहा है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ‘दादा का मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। एक कप्तान के तौर गांगुली ने हमेशा मेरा साथ दिया और उनके साथ खेलना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही।’इसके साथ-साथ उन्होंने बीसीसीआई को भी शुक्रिया कहा, उन्होंने लिखा कि, 17 साल की उम्र में बीसीसीआई ने उन्हें खेलने का मौका दिया, उसके लिए मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा।’
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बता दें कि पटेल ने गुजरात के लिए पहला रणजी ट्रोफी मैच भारत के लिए डेब्यू करने के दो साल दो महीने बाद नवंबर 2004 में खेला। पटेल ने हालांकि वापसी की लेकिन वह टीम में जगह पक्की नहीं कर पाए क्योंकि एक और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा टेस्ट के लिए पहली पसंद बन गए। हालांकि पटेल ने हार नहीं मानी और इंडियन प्रीमियर लीग और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। 2015 में उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए 15 मैचों में 339 रन बनाए। इसके बाद इसी साल उन्होंने अपना पहला लिस्ट ए शतक लगाया और गुजरात को उसका विजय हजारे ट्रोफी जीतने में मदद की।
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