उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है. ऐसे में गोरखपुर (Gorakhpur) से ताल्लुक रखने वाले BJP के राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद (Jai Prakash Nishad) का निषाद पार्टी (Nishad Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद (Dr. Sanjay Nishad) पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि “निषाद वोट किसी के बाप की बपौती नहीं है. डॉक्टर संजय निषाद के चलते निषाद वोट नहीं दे रहे हैं. वहीं, डॉक्टर संजय निषाद की जीविका निषादों के बल पर चल रही है. साथ ही कहा कि संजय निषाद अपनी जीविका चलाने के लिए निषादों पर जुल्म अत्याचार करते हैं. वे निषादों की आड़ में संजय निषाद अपने को स्टंट किए हुए हैं.
दरअसल, गोरखपुर से BJP के राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद ने आरोप लगाते हुए संजय निषाद ने कभी निषादों के लिए काम नहीं किया. उन्होंने अपने लिए काम किया है. जो बीजेपी ने कभी नहीं कहा, वो यह समाज के भीतर जाकर कह रहे हैं. जयप्रकाश ने कहा कि वे गलत मैसेज देने का काम कर रहे हैं. निषाद समाज का कोई और शख्स MLC नहीं बनेगा, सांसद नहीं बनेगा. केवल अपने परिवार का व्यक्ति बनेगा. वहीं, बीजेपी समाज का होने के नाते उनका सहयोग कर रही है. इस दौरान उन्होंने बताया कि जब संजय निषाद का जन्म भी नहीं हुआ था उस समय पूज्य महाराज जी वहां से सांसद हुए थे. फिलहाल तब तक वे राजनीति का ककहरा भी नहीं जानते थे.
निषाद आरक्षण पर चिट्ठी से साधेंगे यूपी के समीकरण
बता दें कि निषाद अध्यक्ष डा.संजय निषाद के बागी तेवरों ने अपना असर दिखाया था. जिसके बाद यूपी सरकार ने निषाद आरक्षण को लेकर भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांग लिया. वहीं, निषाद पार्टी को भी चुनाव में आरक्षण की लौ को जलाने और बिरादरी के वोटों को एक झंडे के नीचे एकजुट रखने की कोशिश करने का आधार मिल गया है. लेकिन राजनीतिक हलकों में यह सवाल बना हुआ है कि क्या इसका फायदा आने वाले यूपी चुनाव में एनडीए को मिलेगा.
पिछले महीने अमित शाह की रैली में निषादों ने जताया था विरोध
गौरतलब है कि बीते 17 दिसम्बर को लखनऊ के रमाबाई पार्क में निषाद समाज की रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद थेय इस रैली में आरक्षण की मांग को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया था. रैली के अगले ही दिन 18 दिसम्बर को सीएम योगी को चिट्ठी लिखकर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने आरक्षण को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया. संजय निषाद ने बीजेपी से साफ कहा कि निषाद समाज को आरक्षण नहीं, तो समर्थन भी नहीं.
उन्होंने कहा ‘मेरे कार्यकर्ता मुझ पर भरोसा करके रैली में आए. मंच पर मैंने कहा भी था कि बीजेपी हमारे मुद्दों की वकालत करती आई है. वहीं, अमित शाह ने कहा कि सरकार बनने पर हमारे मुद्दों का हल होगा, लेकिन कुछ मुद्दे सरकार बनने से पहले हल होंगे तो विशेष फायदा निषादों को होगा.ये आरक्षण का मुद्दा है।’ उन्होंने कहा कि हमारा समाज अमित शाह और मुझसे से खुश था. साल 2022 में बीजेपी को सरकार बनानी है तो निषादों की युवा पीढ़ी का ख्याल रखना होगा.