प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उत्तराखंड की पिछली कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुये कहा कि पिछली सरकार में उत्तराखंड को दोनों हाथों से लूटा गया। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि उत्तराखंड और देश के लोग बर्बादी लाने वाले लोगों का कच्चा चिट्ठा खोल चुके हैं, उनका सच जान चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने 17,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि यह परियोजनाएं उत्तराखंड का दशक बनाने में मदद करेंगी। उन्होंने कहा कि इस पवित्र तीर्थ स्थल पर आना मेरे लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड अपनी स्थापना के 20 साल पूरे कर चुका है। इन वर्षों में आपने ऐसे भी सरकार चलाने वाले देखे हैं जो कहते थे- चाहे उत्तराखंड को लूट लो, मेरी सरकार बचा लो। इन लोगों ने दोनों हाथों से उत्तराखंड को लूटा। जिन्हें उत्तराखंड से प्यार हो, वो ऐसा सोच भी नहीं सकते।”
उन्होंने विपक्ष पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुये कहा कि अब जब जनता उनकी (विपक्ष) सच्चाई जान गई है, तो इन लोगों ने अफवाह फैलाने वालों की दुकान खोल दी है और लगातार अफवाहें फैला रहे हैं। हमारी सरकार जनता के कल्याण के लिए अथक प्रयास कर रही है। इन लोगों (राजनीतिक विरोधियों) ने इन लोगों ने उत्तराखंड को लूटा है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को नया विशेषण देते हुये कहा कि आजादी के बाद से ही उत्तराखंड के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं। एक धारा पहाड़ को विकास से वंचित रखने की है जबकि दूसरी धारा पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की है।
इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन उद्घाटन विकास परियोजनाओं से हल्द्वानी के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी और बेहतर स्वास्थ्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि हम पानी, सीवेज, सड़क, पार्किंग, स्ट्रीट लाइट के लिए हल्द्वानी के समग्र बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये की योजना भी ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएंगे।
यह दशक उत्तराखंड का दशक होने जा रहा है। आज शुरू की जा रही स्वास्थ्य परियोजनाओं से कुमाऊं क्षेत्र के लोगों को अत्यधिक लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 9000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लक्ष्य अकेले कनेक्टिविटी बढ़ाना है।
पिछली सरकारों पर राज्य का विकास नहीं करने का आरोप लगाते हुये कहा कि पहले जो सरकार में रहे हैं यह उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। लखवाड़ प्रोजेक्ट के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। उन्होंने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेजी से कम हो रही है।
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केंद्र सरकार द्वार राज्य के विकास के लिये उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, यह राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं।