नाव हादसे में प्रशासन की चूक आई सामने,क्षमता से अधिक संख्या में सवार थे मजदूर

आरा जिले में कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के मझौली गंगा नदी घाट पर सोमवार की देर शाम हुई नाव दुर्घटना में दो महिलाओं सहित एक छात्र का शव बरामद होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।बड़हरा प्रखंड के दियारा इलाके में गंगा नदी के इस घाट पर हुए नाव हादसे में एक बार फिर प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई है। जहां गंगा नदी में बिना नियम का पालन किये क्षमता से अधिक लोगो के नाव से सवारी करने की बात सामने आई है।

प्रशासन की तरफ से अब तक हुए कई नाव दुर्घटनाओं से सिख नही ली गई और बड़हरा के इलाके में लगातार छोटी छोटी नावों पर बड़ी संख्या में लोगो की सवारी कराते हुए गंगा नदी में इस पार से उस पार और उस पार से इस पार की यात्रा कराई जा रही है।भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखण्ड के मझौली घाट पर यह नाव हादसा तब हुआ है जब रोहतास के करगहर से बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष मजदूर मझौली इलाके में गेंहू काटने आये थे। कटनी करने पहुंचे मजदूरों की संख्या 11 थी जो नाव पर सवार होकर गंगा नदी पार कर रहे थे।

इस नाव हादसे में रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र के पश्चिमी ठोरसन गांव निवासी ज्ञानचन्द्र राम की पत्नी शारदा देवी(47),गिरजा राम की पत्नी सोमरिया देवी(62) और बड़हरा प्रखण्ड के मझौली गांव निवासी लवनाथ सिंह का पुत्र छात्र प्रशांत कुमार सिंह शामिल है।

बड़हरा इलाके में यह कोई पहला नाव दुर्घटना नही है जिसमें लोगों की जान गई है, बल्कि इसके पहले भी 1982 में पदमिनिया हेतमपुर गंगा नदी घाट पर नाव हादसा हुआ था जिसमे 9 लोगों की मौत हुई थी।

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वर्ष 2004 में मझौली गंगा घाट पर ही एक भीषण नाव दुर्घटना हुआ था जिसमे 26 लोगों की मौत हुई थी।

वर्ष 2021 में बलुआं केवटियां घाट पर नाव हादसे में 6 लोगो की मौत हुई थी।

हाल ही में वर्ष 2021 में आरा छपरा पुल में दो नावों के आपस में टकराने से 6 लोगो की मौत हुई थी।