चैत्र नवरात्र मेले के दूसरे दिन बुधवार को भक्त मां विंध्यवासिनी के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन कर निहाल हुए। तत्पश्चात् भक्तों ने अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर मत्था टेक त्रिकोण परिक्रमा की। नवरात्र के दूसरे दिन शाम पांच बजे तक लगभग 30 से 35 हजार भक्तों ने मां का दर्शन पूजन किया।
बुधवार की सुबह छह बजे ही भक्त विंध्यधाम पहुंच गए। गंगा स्नान कर श्रद्धालु मां के दर्शन पूजन के लिए मंदिर की तरफ जाने वाले मार्गों पर पंक्तिबद्ध हो गए। मंगला आरती के बाद मंदिर का कपाट खुलते ही भक्त दर्शन पूजन के लिए गर्भगृह में एक-एक कर पहुंच गए। तेज धूप के कारण लाइन में लगे श्रद्धालुओ को काफी दिक्कत हुई। गंगा घाटों पर स्नानार्थियों और त्रिकोण मार्ग पर श्रद्धालुओं के आने-जाने का क्रम दोपहर में तेज धूप के कारण टूट गया। श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने के कारण दर्शन पूजन कराने में जुटे पुरोहितों और व्यवस्था के लिए लगे पुलिस कर्मियों ने भी राहत की सांस ली।
घाट से गंगा के काफी दूर चलने जाने के कारण रेत पड़ गयी है। हालांकि नगर पालिका की तरफ से इन घाटों पर श्रद्धालुओं को घाट तक आने-जाने के लिए लगभग ढाई फीट चौड़ा मैट बिछवाया गया है, पर वह मैट नाकाफी साबित हो रहा है। त्रिकोण मार्ग पर नवरात्र मेले के पहले दिन से ही पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। पूरे त्रिकोण क्षेत्र में तीन टैंकर रखवाया गया है। वह कुछ देर बाद ही समाप्त हो जाता है।
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चंद दुकानों पर लगवाया गया रेट लिस्ट
प्रशासन की तरफ से मेला क्षेत्र में स्थित माला-फूल व प्रसाद की चंद दुकानों दुकानों पर रेट लिस्ट लगवाया गया है। यही वजह है कि दुकानदार माला-फूल के साथ नारियल-चुनरी का मनमाना दाम वसूल रहे हैं। श्रद्धालु प्रसाद लेने के बाद जब दाम सुनते है तो होश उड़ जाता है। आस्था के चलते श्रद्धालु मुंहमांगी कीमत चुकाने के लिए विवश है।