लूट की वारदात को अंजाम देने आया सुनील मल्लाह मुखिया बनने की चाहत में अपराधी बनकर रह गया। यह कहानी है लूट के इरादे से पहुंचे बिहार के खगड़िया जिला के अरौली थाना क्षेत्र के बहादुरपुर सुनील मल्लाह की, जो गैंग के साथ दुमका के ज्वेलर्स दुकान लूट के इरादे से पहुंचा था और पकड़ा गया।
गिरफ्तार सुनील मल्लाह उर्फ़ मुखिया के मुताबिक वह पहले ट्रक ड्राइवरी करता था लेकिन एक सड़क हादसे के बाद वह ड्राइवरी छोड़ घर में बैठा था। इसी बीच बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी थी। मुखिया बनने के सपने उसकी आंखों में तैरने लगे लेकिन चुनाव में खर्च करने पैसे नहीं थे। ऐसे में गांव के संतोष यादव से मिला। संतोष ने पैसे की आसान तरीका लूट बताया और भागलपुर के तीन लुटेरों रोहित, साहेब और सचिन से संपर्क कराया।
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लूट की वारदात को बिहार में नहीं कर झारखंड में करनी थी। इसलिए दुमका को सेफजोन मानकर रणनीति तैयार की। अपराधियों ने कई अन्य ज्वेलरी दुकान की पहले रेकी भी कर दो बाइक में सवार होकर पिस्टल के साथ दुमका पहुंचे थे। इस दरम्यान सुनील, साहेब और सचिन दुकान घुस कर दुकानदारों को गन प्वाइंट पर ले लिया था लेकिन अचानक पीछे से एक साथी रोहित द्वारा भागने की बात कह कर भागने लगे। इस दरम्यान साहेब और सचिन पैदल भागने में सफल रहा, जबकि सुनील दुकानदार के हत्थे चढ़ गया।