अहमदाबाद: बीते दिनों गिरफ्तार हुए साणंद के अभिजीतसिंह राजपूत नामक व्यापारी की हत्या की साजिश रच रहे तांत्रिक नवलसिंह चावड़ा की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई है। 12 लोगों की हत्या कर चुके चावड़ा की मौत की गुत्थी सुलझाने के पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही उसकी मौत की वजह सामने आ सकेगी।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चावड़ा को 1 दिसंबर को मुमतपुरा में एक सुनसान जगह पर सरखेज पुलिस ने छापेमारी के बाद पकड़ा था। वह अपने रिश्तेदार अभिजीतसिंह राजपूत की हत्या करने वाला था।
तांत्रिक ने अभिजीत को दिया था पैसे दोगुना कर देने का झांसा
चावड़ा पर आरोप था कि उसने अभिजीतसिंह राजपूत को तंत्र के माध्यम से उसके पैसे दोगुना करने का झांसा दिया था। उसने अभिजीतसिंह राजपूत की हत्या कर पैसे लेकर फरार होने की योजना बनाई थी। वह अपने मंसूबों में कामयाब होता, इसके पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
दादी, मां, चाचा सहित की थी 12 लोगों की हत्या
गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में ऐसे राज सामने आए, जिसको सुनकर पुलिस के भी होश फाख्ते हो गए। दरअसल, पुलिस की पूछताछ के दौरान उसने 12 हत्याओं की बात कबूल की थी। इन 12 लोगों में उसकी दादी, मां और चाचा भी शामिल थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी नवलसिंह चावड़ा ने 2010 में अपनी दादी मंगू वानिया की हत्या कर दी थी, क्योंकि वह उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित थी। वह अपनी दादी के इलाज पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था। उसने उसे पानी में जहर मिलाकर पिलाया और उनकी हत्या कर दी।
चाचा को भी पिला दिया जहर
चावड़ा ने नौ महीने पहले भी इसी तरह अपनी मां सरोज चावड़ा की हत्या की थी। वह घरेलू मुद्दों पर अक्सर झगड़ती रहती थीं। जनवरी में उनके चाचा सुरा चावड़ा भी बीमार पड़ गए थे। उसने शुरू में उस पर कुछ पैसे खर्च किए, लेकिन जैसे-जैसे उसकी हालत बिगड़ती गई, चावड़ा ने उसे ज़हर मिला पेय पिलाकर मार डाला।
मां के साथ घरेलू झगड़ों से आ चुका था तंग
जोन-7 के डीसीपी शिवम वर्मा ने बताया कि चावड़ा अपने बीमार रिश्तेदारों पर पैसे खर्च नहीं करना चाहता था, इसलिए उसने उनकी हत्या कर दी। वह अपनी मां के साथ घरेलू झगड़ों से भी तंग आ चुका था, जिसके चलते उसने हत्या की। हालांकि, इन मामलों की जांच सुरेंद्रनगर पुलिस ने नहीं की।
परिवार को बिलकुल भी नहीं हुआ कोई संदेह
पुलिस ने कहा कि चावड़ा के परिवार में किसी ने कोई संदेह नहीं जताया क्योंकि ये मौतें स्वाभाविक लग रही थीं। परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया था कि उन सभी की मौत हृदयाघात से हुई थी। उसने अनुष्ठान के दौरान, राजपूत को मारने के इरादे से उसे जहर मिला हुआ पेय देने की योजना बनाई थी।
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दूसरी ओर, पुलिस हिरासत में चावड़ा की मौत ने भी संदेह पैदा किया क्योंकि बीमारी का कोई इतिहास नहीं होने के बावजूद उनकी अचानक मृत्यु हो गई। पुलिस ने कहा कि मौत के पीछे का सही कारण जानने के लिए उनके शरीर का पैनल पोस्टमार्टम किया गया।