संभल हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क को अब गिरफ्तारी का डर सताने लगा है। इसी डर की वजह से उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, सांसद बर्क ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की भी मांग की है।
पुलिस एफआईआर में सांसद बर्क का नाम शामिल
आपको बता दें कि संभल हिंसा मामले में पुलिस ने सांसद बर्क के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस का आरोप है कि शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के पीछे सांसद बर्क का भड़काऊ भाषण ही वजह था। 500 साल पुरानी जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर को संभल शहर में हुई हिंसा के बाद दर्ज की गई एफआईआर में बर्क का नाम शामिल है।
संभल हिंसा में हुई थी पांच लोगों की मौत
इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। बाद में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने हिंसा में शामिल होने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
संभल हिंसा मामले में सांसद बर्क और इकबाल समेत छह लोग नामजद
इससे पहले, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि हिंसा को लेकर सात एफआईआर दर्ज की गई हैं। सांसद बर्क और इकबाल समेत छह लोगों को नामजद किया गया है और 2,750 अन्य को अज्ञात बताया गया है। उन्होंने कहा कि बर्क के पहले के बयान की वजह से स्थिति और खराब हो गई। इसके लिए उन्हें पहले नोटिस दिया गया था।
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सांसद बर्क के भाषण की वजह से इकठ्ठा हुई थी भीड़
अधिकारी ने कहा कि सांसद बर्क की जामा मस्जिद की हिफाजत वाली टिप्पणी ने भीड़ को इकट्ठा किया। हिंसा भड़कने वाले दिन सांसद के बेंगलुरु में होने और संभल में न होने के बारे में कुमार ने कहा कि बर्क का नाम उनके पिछले बयानों के आधार पर एफआईआर में शामिल किया गया था।
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