कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार एक लिए एक बड़ी मुसीबत साबित हो रहा है। यही वजह है कि मोदी सरकार इस आंदोलन को ख़त्म करने की पुरजोर कोशिश में लगी है। इसी कोशिश के चलते बीजेपी देश के कई हिस्सों में किसान सम्मलेन का आयोजन कर रही है। हालांकि, बीजेपी के इस किसान सम्मेलन पर हमलावर होने हुए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) एक नए अभियान की शुरुआत करने की योजना बना रहा है।
सपा इस तरह विफल करेगी बीजेपी का किसान सम्मलेन
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के किसान सम्मलेन के जवाब में कदम बढाते हुए एक विशेष अभियान का आयोजन किया है। अपने इस आयोजन के तहत आगामी 25 दिसंबर को सपा एक विशेष अभियान आयोजित करने की योजना बना रही है। सपा के इस आयोजन के तहत पार्टी के नेता पूरे उत्तर प्रदेश के गांवों का दौरा करेंगे और बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे।
इस बात की जानकारी देते हुए सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि पार्टी के नेता गांवों में जाएंगे और किसानों के साथ चौपाल (बैठकें) करेंगे। उन्होंने कहा कि सपा सांसद और विधायक ‘समाजवादी किसान घेरा’ अभियान का नेतृत्व करेंगे। नेता राज्य में पिछली समाजवादी पार्टी सरकार की उपलब्धियों और किसानों के लिए किए गए कल्याणकारी कार्यों के बारे में भी किसानों को अवगत कराएंगे।
चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकारें किसानों को बर्बाद करने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक विडंबना है कि ‘अन्नदाता’ ठंड में कांप रहा है और बात करना चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने ‘मन की बात’ में व्यस्त हैं।
दरअसल, सपा आक्रामक रूप से केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को आगे बढ़ा रही है। सपा 7 दिसंबर से किसान यात्रा का आयोजन कर रही है, जिसमें राज्य भर में पार्टी कार्यकर्ता और नेता, बीजेपी की किसान-विरोधी नीतियों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए पैदल, साइकिल और मोटरसाइकिल पर निकल रहे हैं।
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पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यह रैलियां बीजेपी की किसान विरोधी नीति के खिलाफ हैं और प्रत्येक जिले में निकाली जा रही हैं। बीजेपी राज्य भर में किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है और सपा के नेता इन आयोजनों के माध्यम से लोगों को संबोधित कर रहे हैं, ताकि विपक्ष द्वारा किए जा रहे गलत प्रचार को दूर किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी सार्वजनिक कार्यों में किसानों के मुद्दों को संबोधित किया है, जबकि उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी किसान समूहों के साथ बैठकें कर रहे हैं।