अखिलेश यादव 17 मार्च से समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए बंगाल के दौरे पर हैं। यहां वह पार्टी की बैठक में शामिल होने से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिले। उनके साथ 2024 के चुनाव को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा किया। सपा अध्यक्ष UP विधानसभा चुनाव के बाद से ही तीसरे मोर्चे की बात कर रहे हैं।
विपक्षी नेताओं से कर रहे मुलाकात
2024 के चुनावों से पहले अखिलेश यादव तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की रैली में शामिल होने के लिए हैदराबाद भी गए। उसके बाद वह कभी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन तो कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से मिले। इसके साथ ही उन्होंने कई बार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात किया। अभी हाल ही में वह दिल्ली में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से मिले। अब ममता बनर्जी से मुलाकात कर उन्होंने अपने कवायद को तेज कर दिया है।
कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं अखिलेश
सपा मुखिया 2024 के चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है। राजनीति के जानकार कहते है कि वह 2017 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके देख चुके हैं। वह यह भी जानते है कि अगर कांग्रेस के साथ वह गठबंधन में गए तो उनका फायदा कम और नुकसान ज्यादा हैं।
क्या तीसरा मोर्चा बनाने में सफल हो पाएंगे अखिलेश?
अखिलेश यादव तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए वह दक्षिण भारत से लेकर दिल्ली तक सभी गैर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। अभी लोकसभा चुनाव में 1 साल का वक्त बचा है। तो अभी यह कहना की वह तीसरा मोर्चा बनाने में सफल या असफल होंगे यह जल्दबाजी होगा। हालांकि अखिलेश यादव को कई नेताओं का समर्थन भी मिल रहा है। लेकिन वह कितना सफल होगा वह आने वाला समय ही बता पाएगा।