लेबनान और सीरिया में सैकड़ों पेजरों के विचित्र और घातक विस्फोटों ने क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति में हलचल मचा रखी है। सभी देशों की मीडिया इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा कर रही है। वहीं मीडिया में यह खबर आई है कि इजरायली जासूसी एजेंसी मोसाद ने लेबनान में आयात किए जाने से पहले पेजरों में विस्फोटक लगा दिए थे, तथा इनका उपयोग ज्यादातर आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के सदस्यों द्वारा किया गया था।
एक समाचार पत्र ने अमेरिका के अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा है कि मोसाद ने ताइवान की गोल्ड अपोलो नामक कंपनी के ब्रांड नाम से निर्मित AR-294 पेजर की लिथियम बैटरी के बगल में लगभग 60 ग्राम विस्फोटक सामग्री रखी थी। हिजबुल्लाह ने गोल्ड अपोलो से इन पेजर के लिए ऑर्डर दिया था। समाचार आउटलेट ने यह भी बताया कि पेजर में एक स्विच भी लगाया गया था ताकि दूर से विस्फोट किया जा सके।
मंगलवार दोपहर को, लेबनान और सीरिया में लगभग एक ही समय पर ये पेजर फटे, जिनमें से ज़्यादातर हिज़्बुल्लाह के गुर्गों के थे। लेबनान के सरकारी मीडिया ने देश के स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से बताया कि कम से कम 11 लोग मारे गए और 2700 से ज़्यादा लोग घायल हुए।
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हिजबुल्लाह के साथ-साथ लेबनानी और ईरानी सरकार ने भी इस विस्फोट के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, जिसने न तो विस्फोटों की जिम्मेदारी स्वीकार की है और न ही इससे इनकार किया है।