अधर्मी रावण की हिंसा से दुनियां को मुक्त कराने के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या वापस लौटे तो घर-घर दीपक जलाये गये। हर वर्ष दीपावली आते ही लोग अपने-अपने घरों में भगवान श्रीराम के आगमन की तैयारी करने लगते हैं।
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में काशी की मुस्लिम महिलाएं भी दीपावली पर गाय के गोबर और मिट्टी से पर्यानुकूलित श्रीराम दीपक बनाने की तैयारी में जुट हुई है। इन्द्रेश नगर लमही के रामपंथ आश्रम में ये खास दीपक बनाया जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं के हाथों से तैयार होने वाले श्रीराम दीपक में तीन संदेश छिपा है, एक गऊ संरक्षणए दूसरा पर्यावरण संरक्षण और तीसरा धार्मिक नफरत से मुक्ति का।
शुक्रवार को मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने बताया कि भगवान श्रीराम के आगमन की तैयारी चल रही है। दीपावली पर अयोध्या में लाखों दीप जलेंगे, उसमें 108 दीपक मुस्लिम महिलाओं का भी होगा। भगवान श्रीराम तो सबके हैं। आज पूरी दुनियां को श्रीराम संस्कृति को अपनाने की जरूरत है। नाजनीन ने कहा कि मुस्लिम देश यदि श्रीराम संस्कृति को अपनाना शुरू करें तो उनका देश और उनके परिवार बच जायेंगे। वर्ना जो धार्मिक हिंसा चल रही है, उसकी लपटों से कोई परिवार बचेगा नहीं। सभी मुस्लिम देश दीपावली मनायें और अपने यहां स्कूलों में श्रीराम पर अध्ययन शुरू करा दें।
नाजनीन ने कहा कि आज पूरी दुनियां धर्म के नाम पर हिंसा की शिकार हो रही हैं, पाकिस्तान के क्रिकेट में जीत पर खुशी के पटाखे फोड़े जा रहे हैं, जिससे हिन्दुस्तान में दोनों धर्मों के बीच नफरत का वैमनस्य बढ़ रहा है, ऐसे में मुस्लिम महिलाओं का यह छोटा प्रयास भी नफरत की धधकती आग पर पानी डालने वाला है। मिट्टी और गाय के गोबर से तैयार हुआ श्रीराम दीपक सिर्फ काशी में ही नहीं जलेगा बल्कि अयोध्या के साकेत भूषण श्रीराम पीठ में भी जलाया जायेगा।
अयोध्या श्रीराम पीठ के केन्द्रीय व्यवस्था प्रमुख डा० राजीव ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार किये गये 108 सजावटी श्रीराम दीपक श्रीराम पीठ मंदिर परिसर में जलाया जायेगा, जहां भगवान श्रीराम की प्राथमिक शिक्षा हुयी थी। उन्होंने बताया कि श्रीराम दीपक को मुस्लिम महिलाओं ने रंगों से रंगकर खूबसूरत सजावटी दीप बनाया। धार्मिक समरसता के लिये काशी के हिन्दू परिवारों और प्रमुख लोगों को मुस्लिम महिलायें श्रीराम दीपक भेंट करेंगी।
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संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने कहा कि कट्टरपंथी चाहे जितनी नफरत फैला लें लेकिन हम तीज त्यौहार मिलकर मनायेंगे। भगवान श्रीराम सबके हैं, जितना हिन्दुस्तान के उतना ही मुस्लिम और ईसाई देशों के भी। अब तो दुनियां को भी समझ आ गया कि नफरत को रोकने का एक ही विकल्प हैं श्रीराम। मुस्लिम महिलाओं द्वारा तैयार किया गया यह मात्र दीपक नहीं बल्कि नफरत के बर्फ को पिघलाने के लिये इसकी लौ ही काफी है।