बाराबंकी। नवाबगंज बाराबंकी से आई खबर सबको हैरत में डाल देगी। उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके कारण बेवजह लोगों को अपनी जान गंवाना मजबूरी बन गया है। कई जिलों में आज भी झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानों में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
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झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं, जुकाम वाले मरीज को लगाए इंजेक्शन, हुई मौत
बता दें कि यहां झोलाछाप डॉ. शिवबालक की ओर से इलाज के दौरान 30 वर्षीय विपिन तिवारी की मौत हो गई है। मामला तूल पकड़ने के बाद जिला मुख्यालय पर उसके शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। मृतक विपिन तिवारी के तीन छोटे बच्चे हैं जिनकी उम्र 10 साल से कम है। परिजनों ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इस खबर के बाद परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं, जुकाम वाले मरीज को लगाए इंजेक्शन, हुई मौत।
मामला झोलाछाप डॉक्टर के इलाज का है, जिनपर सरकार का कोई अंकुश नहीं रह गया है। यह अपनी अधपके ज्ञान से गरीब लोगों को लूटने के साथ ही उनकी जिंदगी से भी खेल रहे हैं। मृतक के भाई इंद्रेश तिवारी ने बताया कि उनके भाई को केवल सिर्फ सर्दी जुकाम था, इलाज के लिये जिस डॉक्टर के पास गये वह थाना मसौली के सआदतगंज क्षेत्र में अपना क्लीनिक चलाता था। झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम नहीं, जुकाम वाले मरीज को लगाए इंजेक्शन, हुई मौत।
उन्होंने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर शिवबालक ने उनके भाई को चार इंजेक्शन लगाए और उसके बाद से उनके भाई की तबियत बिगड़ी और देखते-देखते उसकी मौत हो गई। परिवार वालों के दबाब के बाद मामला जब फैला तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन को हुई और उन्होंने उसपर कार्रवाई की। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है।