ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल, स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र, अलीगंज, लखनऊ
लखनऊ। शनि को ज्योतिष में कर्मफल दाता एवं दंडाधिकारी न्यायाधीश कहा गया है। शनि को मध्यम वर्ग, मजदूर वर्ग जनता का भी कारक माना जाता है। लोहा, जमीन से निकलने वाली वस्तुएं, खनिज, प्रापर्टी, तेल , चमड़ा आदि पर शनि का प्रभाव होता है।
मकर व कुंभ शनि की स्वराशि है तुला शनि की उच्च राशि है मेष शनि की नीच राशि है। शनि की साढ़ेसाती धनु मकर व कुंभ राशि पर चल रही है। मिथुन और तुला पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है। शनि सकारात्मक होने पर शुभ फल प्रदान करता है और प्रतिकूल होने पर जीवन में बहुत कष्ट देता है। शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिये शनि मंत्रो का जाप , व्रत, काले उड़द काले तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काले चने, कोयला, लोहे का दान आदि से शनि की शान्ति होती है शनि की मार्गी चाल 29 सितबर से शुरु हो रही हैं। इससे पहले शनि 11 मई 2020 से मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर कर रहे थे और पूरे 141 दिन बाद शनिदेव 29 सितंबर को वक्री से मार्गी हो रहे हैं।
शनि के मार्गी होने स राशियों पर प्रभाव
मेष राशि – कार्य क्षेत्र में सफलता स्वस्थ ठीक रहेगा वृषभ राशि – धन का लाभ शुभ फल मिलेंगे वाणी पर संयम रखे मिथुन राशि -रुके कार्य पुरे होंगे किसी को रुपये उधार न दे कर्क राशि -आये बढ़ेगी कार्य क्षेत्र में सफलता सिंह राशि – कार्यो में सफलता दैनिक आय बढ़ेगी स्वस्थ का ध्यान रखे कन्या राशि – विदेश यात्रा धार्मिक कार्य होंगे तुला राशि – नौकरी में लाभ मान सम्मान बढ़ेगा वृश्चिक राशि – प्रॉपर्टी लाभ कार्यो में मेहनत से सफलता धनु राशि -आर्थिक लाभ ,व्यापर बढ़ेगा मकर राशि – धार्मिक और विदेश यात्रा भाग्य साथ देगा कुम्भ राशि – मान सम्मान बढ़ेगा रुका धन मिलेगा मीन राशि – मेहनत से सफलता घर में मांगलिक कार्य होंगे