बीते सोमवार को तुर्की और सीरिया मे आए भूकंप से हुई बड़ी तबाही, एक के बाद एक करके तीन भूकंप से जहां हजारों लोगों ने अपनी जान गवायी वहीं लाखों को लोग बेघर हो गए । ताजा जानकारी के अनुसार दोनों देशों मे हुई मौतों का आकड़ा 15 हजार के पार जा चुका है, वहीं घायलों की तादाद भी 40 हजार के ऊपर है और बेघर हुये लोगों की संख्या 3 लाख से भी अधिक है। डबल्यूएचओ और यूएन के साथ-साथ बड़ी संख्या मे दुनिया भर के देशों ने इस मुसीबत की घड़ी मे मदद के अपना हाथ बढ़ाया है।
सरकार के प्रति वहाँ के लोंगों का गुस्सा बढ़ रहा है, जनता का कहना है कि सरकार ने समय रहते सही कदम न उठाने के कारण उन्हे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दरअसल भूकंप के बाद कई इलाके मे बचावकर्मियों के देर से पहुंचे और राहत सामग्री भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पायी, जिस कारण लोगों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्वीकार किया कि भूकंप के बाद उनकी सरकार की शुरुआती प्रतिक्रियाओं में कमियां थीं। हालांकि, राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि सरकार सभी पीड़ितों के मदद की हरसंभव प्रयास कर रही है।