प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा स्वच्छता अभियान के अंतर्गत नमामि गंगे कार्यक्रम के चलते चंद्रेश्वर नगर में निर्मित 7.5 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी) का शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल, उत्तराखंड पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संयुक्त रूप से निरीक्षण किया।
एसटीपी प्लांट के निरीक्षण के दौरान केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री ने प्लांट से संबंधित सभी जानकारियां पेयजल निगम के अधिकारियों से प्राप्त की। मंत्री ने पांच मंजिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की कार्य क्षमता देखकर इस पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि गंगा में मिलने वाले दूषित नालों को रोकना और शोधित करना एक बड़ी चुनौती है। नमामि गंगे परियोजना इस दिशा में काफी हद तक सफल रही है।
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश व हरिद्वार शहर में दूषित नालों को रोकने और सीवर शोधन के लिए पर्याप्त क्षमता के एसटीपी बनाए गए हैं। ऋषिकेश में लक्कड़घाट का एसटीपी 26 एमएलडी का बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत बड़ा प्लांट है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आसपास की आबादी की अगले कई सालों की जरूरत पूरी कर सकते हैं। सभी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बेहतर ढंग से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उच्च स्तर पर इनकी नियमित रूप से मॉनीटरिंग होती रहे।
निरीक्षण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों के समक्ष केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री से एसटीपी प्लांट से घनी आबादी में होने वाली आवाज की समस्या के निदान पर भी बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि तीन नालों श्मशान घाट नाला, ढालवाला नाला एवं चंद्रेश्वर नगर से गंदा पानी सीधे गंगा नदी में मिलकर गंगा जल को प्रदूषित कर रहा था। तीनों नालों को टैप कर सीवेज पंपिंग स्टेशन के माध्यम से 7.5 एमएलडी एसटीपी तक शोधन हेतु पहुंचा कर उपचारित किया जा रहा है। एसटीपी प्लांट स्थल घनी आबादी के बीच स्थित होने एवं संयंत्र हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध ना होने के कारण इसका डिजाइन मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर तकनीक के अनुसार बनाया गया जो कि अपने तरह का एकमात्र बहुमंजिला एसटीपी प्लांट है। 41.1 3 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी प्लांट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार वर्तमान में प्रतिदिन 5 एमएलडी सीवेज शोधन कर रहा है। इस तकनीकी पर आधारित एसटीपी प्लांट में प्राइमरी शोधन यूनिट, एमबीबीआर रिएक्टर, सेकेंडरी क्लेरिफायर, डिसइन्फेक्शन यूनिट एवं सलज डिवाटरिंग यूनिट सम्मिलित है।