लोकसभा की शीतकालीन सत्र की बैठक शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से छह दिन पहले सम्पन्न हुई जिसकी कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही तथा 13 बैठकों में 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ.
वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. हालांकि पहले इसकी कार्यवाही सात दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक के लिए प्रस्तावित थी. राज्यसभा की, शीतकालीन सत्र की बैठक शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और इस दौरान सदन में 102 प्रतिशत कामकाज हुआ. सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने पारंपरिक संबोधन में बताया कि इस दौरान 63 घंटे 20 मिनट का कामकाज निर्धारित था जबकि 64 घंटे 50 मिनट कामकाज हुआ.
उन्होंने कहा कि इस दौरान सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को चर्चा कर पारित किया गया और कई जरूरी मामलों पर सदन में चर्चा हुई. सत्र की शुरुआत सात दिसंबर को हुई थी और इसे 29 दिसंबर तक चलना था. किंतु इसे छह दिन पहले, आज ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. सत्र के दौरान धनखड़ ने बतौर सभापति पहली बार सदन की कार्यवाही का संचालन किया. राज्यसभा में तमिलनाडु तथा कुछ अन्य राज्यों की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में डालने संबंधी विधेयकों, समुद्री मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022’ को भी मंजूरी दी गई.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन में कहा कि 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र समाप्त हो रहा है जिसकी शुरूआत 7 दिसंबर को हुई थी. उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं, जिनमें 68 घंटे 42 मिनट कामकाज हुआ. इस सत्र की कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही. उन्होंने बताया कि सत्र में नव निर्वाचित सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने शपथ ली. बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कामकाज पूरे किये गए. इस दौरान लोकसभा ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये की अनुदान की अनुपूरक मांगों और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी. इस पर 10 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई.
सत्र के दौरान 9 सरकारी विधेयक पेश किये गए और सात विधेयक को सदन ने पारित किया. इसके अलावा, सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 374 विषय उठाये. साथ ही नियम 377 के तहत सदस्यों ने 298 मुद्दे उठाये. सत्र में स्थायी समितियों के 36 प्रतिवेदन रखे गए और मंत्रियों ने महत्वपूर्ण विषयों पर 23 वक्तव्य रखे. अध्यक्ष ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान 56 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए.
लोकसभा में तमिलनाडु की दो जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में डालने के प्रावधान वाले ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी गई. इसमें तमिलनाडु की नारीकोरवन और कुरुविक्करन पहाड़ी जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का प्रावधान है. ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022’ को भी सदन ने मंजूरी दे दी, जिसमें हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है.
इसके अलावा, सदन ने ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी दी जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित 12 समुदायों को जनजातीय सूची में शामिल करने का प्रावधान है. साथ ही, ‘संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक, 2022’ को मंजूरी मिली जिसमें कर्नाटक की दो आदिवासी जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में लाने का प्रावधान है.
‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022’ को भी मंजूरी:
निचले सदन ने समुद्री मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ‘समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022’ को भी मंजूरी दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर लोकसभा में बयान दिया. लोकसभा में नियम 193 के तहत ‘‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये कदम’’ विषय पर चर्चा हुई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप किया.
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लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई:
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रितेश पांडेय द्वारा ‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायकों के लिए कल्याणकारी कदम’ पर पेश गैर-सरकारी संकल्प पर चर्चा पूरी हुई. सदन ने ध्वनिमत से इसे अस्वीकार कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष के वक्तव्य के बाद सदन में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई गई. इसके बाद बिरला ने सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की. गौरतलब है कि मूल कार्यक्रम के अनुसार, संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलना था. लेकिन क्रिसमस के कारण कई सदस्यों ने समय से पहले सत्र स्थगित करने का आग्रह किया था.