कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भाजपा और आरएसएस की आलोचना की। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा वाले ‘जय श्री राम’ कहते हैं न कि ‘जय सिया राम’, क्योंकि वे सीता की पूजा नहीं करते हैं। राहुल गांधी का ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की रावण टिप्पणी के कुछ दिनों बाद आई है। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस कभी भी राम में विश्वास नहीं करती थी, लेकिन पीएम मोदी की तुलना रावण से करती है।। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ‘जय सिया राम’ या ‘जय सीता राम’ का अर्थ यह है कि राम और सीता एक ही हैं।’
राहुल गांधी बोले- ‘सीता के बिना भगवान राम अधूर हैं…’
राहुल गांधी ने कहा, ”सीता के बिना भगवान राम का नाम अधूरा है, वो एक ही हैं इसीलिए हम ‘जय सियाराम’ कहते हैं। भगवान राम सीता जी के लिए लड़े। हम जय सिया राम जपते हैं और महिलाओं को सीता का स्वरूप मान उनका आदर करते हैं।जय सिया राम।”
‘राम और सीता एक ही हैं…’
राहुल गांधी ने कहा, जय सिया राम का अर्थ है सीता और राम एक ही हैं। भगवान राम की जीवन शैली, उन्होंने सीता के लिए जो किया, उसका इस नारे में सम्मान किया जाता है। इसलिए जब हम जय सिया राम कहते हैं, तो हम सीता को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।” राहुल गांधी ने कहा कि एक पंडित उनके पास आए और उन्हें इस बात को समझाया है। राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीख रहा हूं।”
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‘पंडित जी ने मुझसे ये सवाल भाजपा वालों से पूछने को कहा था…?’
राहुल गांधी ने आगे कहा, ”तीसरा नारा है जय श्री राम, जो भगवान राम के सम्मान और आदर में कहा जाता है। पंडित जी ने मुझसे यह सवाल उठाने के लिए कहा कि भाजपा से पूछिए वो कभी भी जय सिया राम क्यों नहीं कहते हैं, वे हमेशा जय श्री राम क्यों कहते हैं। यह एक गहन विचार का विषय है।” राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस के लोग भाजपा में गए और उन्होंने भगवान राम के जीवन के तरीके को कभी नहीं अपनाया। राहुल गांधी बोले, “भगवान राम ने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया, उन्होंने समाज को एकजुट करने का काम किया। उन्होंने किसानों, व्यापारियों और मजदूरों की मदद की लेकिन ये भाजपा वाले नहीं कर रहे हैं।”