कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिए बयानों पर बीजेपी और मोदी सरकार हमलावर है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर राहुल गांधी कुछ कहते हैं और इससे कांग्रेस को परेशानी होती है, तो इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन अगर वह हमारे देश को बदनाम करते हैं, तो इस देश के नागरिक के रूप में हम चुप नहीं बैठ सकते। वहीं संसद में हंगामे के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित हो गई। राहुल के बयान पर हंगामा जारी है।
किरेन रिजिजू ने कहा, “राहुल गांधी को अपने लंदन सेमिनार में कही गई बातों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने हमारे लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश का अपमान किया है। हमें अपने देश के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”
किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं संसद के लिए चुना गया सांसद हूं तो मैं चुप कैसे रह सकता हूं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और राहुल को इस देश के लोगों ने खारिज कर दिया है। उन्होंने हमारे लोकतंत्र और संसद की प्रतिष्ठा को कम किया है। यह स्वीकार्य नहीं है।”
वहीं किरेन रिजिजू के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफ़ी का सवाल ही नहीं। उन्होंने कहा, “यह उनकी साजिश है कि संसद नहीं चलने दी जाए और अडानी मामले में जेपीसी जांच की हमारी मांग को नजरअंदाज किया जाए। वे बेरोजगारी और मुद्रास्फीति के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। इससे पहले कई मौकों पर मोदी जी विदेशों में भारत के खिलाफ बोल चुके हैं। माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है।”
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जबकि लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आए दिन सत्ता पक्ष के नेता संसद की कार्यवाही बाधित करते हैं लेकिन इसका दोष विपक्ष पर मढ़ देते हैं। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर एक साजिश के तहत वे राहुल गांधी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर मोदी सरकार में हिम्मत है तो राहुल गांधी के भाषण पर संसद में बहस की इजाजत दे। हम साबित करेंगे कि कौन देश के खिलाफ है। देश के खिलाफ राहुल गांधी नहीं, मोदी सरकार है।”