कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को हथियार बनाकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर हमला बोला है। इस दौरान उन्होंने चीन को लेकर मोदी सरकार कि नीतियों का भी मुद्दा उठाया।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर बोला हमला
राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी के ‘मित्र’ केंद्रित बजट में किसान को पेट्रोल-डीज़ल के ज़्यादा दाम देने होंगे और कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिलेगी। तीन कृषि-विरोधी क़ानूनों से कुचले जाने के बाद देश के अन्नदाता पर एक और वार!।
इसके पहले बीते बुधवार को भी राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि चीन को लेकर सरकार का रुख साफ नहीं है। चीन भारत की ज़मीन ले जाता है और आप संदेश क्या देते हो कि हम बजट नहीं बढ़ाएंगे। हम अपनी सेना को नहीं सपोर्ट करेंगे क्या? ये कौन सी देशभक्ति है? सर्दी में सेना सरहद पर खड़ी है और आप उनको पैसा नहीं दे रहे हो।
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को आम आदमी के हाथ में पैसे देना चाहिए। किसान आंदोलन के मसले पर कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को जल्द समाधान निकालने की जरूरत है। किसान देश की रीढ़ की हड्डी है और सरकार उन पर अत्याचार कर रही है।
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राहुल गांधी ने आगे कहा कि किसानों की बस इतनी मांग है कि इन काले कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार उसे अनसुना कर रही है। राहुल ने ग्रेटा थनबर्ग और रिहाना के ट्वीट पर कहा कि ये हमारे देश का आंतरिक मसला है। कृषि कानूनों को वापस लेना होगा। भारत की प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है।