नैनीताल जनपद में पिछले तीन दिनों में दैवीय आपदा से हुए नुकसान पर जिला प्रशासन बुधवार को पूरी तरह से एक्टिव मोड पर आ गया। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि प्राथमिक तौर पर नैनीताल जनपद में आपदा से लोक निर्माण विभाग, सिचाई विभाग और लघु सिचाई आदि की राजकीय परिसंपत्तियों को 102 करोड़ रुपये की क्षति होने का अनुमान है। विस्तृत आंकलन कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय के धोबीघाट क्षेत्र में रह रहे 100 परिवारों को यहां नैनी झील का अत्यधिक पानी आने के कारण जीजीआईसी में शिफ्ट करने को कह दिया गया है। वहां सभी कमरे खुलवा दिए गए हैं। उधर, रामनगर के वन ग्राम सुंदरखाल के 30 लोगों को एयर लिफ्ट एवं पांच लोगों को राफ्टिंग के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है तथा यहां बाढ़ राहत शिविर का संचालन कर उनके लिए लगभग 90 क्विंटल राहत सामग्री पहुंचाई गई है। इसी तरह वन ग्राम पूछड़ी नई बस्ती के 10 परिवारों के 54 लोगों को स्थानीय राजकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट किया गया है। चूकम गांव में राफ्टों के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई गई है। वहीं लालकुआं में लगभग 97 बाढ़ प्रभावित परिवारों को गुरुद्वारे में शिफ्ट किया गया है। तल्ला रामगढ़ में फंसे यात्रियों को राशन किट उपलब्ध कराई गई हैं।
धारी और झूतिया में टीमें भेजी गईंः डीएम गर्ब्याल ने बताया कि धारी एवं झूतिया रामगढ़ में कई लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना है। मार्ग अवरुद्ध होने के कारण यहां बचाव टीमें नहीं पहुंच पा रही थीं। इस पर धारी के लिए एनडीआरएफ के 20 सदस्यीय दल को हैलीकॉप्टर से शशबनी में उतारा गया है। वहां से 7 किलोमीटर सड़क और सात किलोमीटर पैदल चलकर यह दल घटनास्थल की ओर रवाना हो गया है। जबकि रामगढ़ के झूतिया में एसडीएम के नेतृत्व में एनडीआरएफ का 12 सदस्यीय दल तथा ग्राम बोहराकोट के लिए एनडीआरएफ का 8 सदस्यीय दल चिकित्सा टीम के साथ मौके पर पहुचं गया है।
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उन्होंने बताया कि चौखुटा में बिहार के पांच मजदूरों के शवों को बिहार के अधिकारियों से समन्वय कर दिल्ली भेजने का प्रबंध किया जा रहा है। झूतिया के पास ही सकुना में 9 नेपाली मजदूर एक घर में दबे हुए हैं। इस क्षेत्र में बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी न होने से किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।